पटना में प्रतिबंध के बाद भी चल रहे 17 डीजल बसों का कटा चालान, पटना पुलिस ने की कार्रवाई

पटना। राजधानी पटना में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है,जिससे लोगों को सांस संबंधी विवाद समेत कई बिमारियों का शिकार होना पड़ रहा है। इसको लेकर बिहार सरकार ने डीजल बसों को बंद कर देने का फैसला साल 2019 में ही लिया गया था, पर डीजल बसों को सीएनजी में कन्वर्ट नही कराया। बस मालिकों ने आदेश को हमेशा हल्के में लिया। आदेश को निकले चार साल बीत गया तो सरकार को ध्यान आया तो कठोर कदम उठाया है। सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए 31 सितंबर की मध्यरात्रि से अंतिम बार बसों को बंद करने का आदेश दिया गया,  आदेश की अवहेलना कर डीजल बसें चलती रहीं। अब पुलिस ने पटना में 17 बसों का चालान काटा है। पटना में करीब 5000 बसों और ऑटो को पूर्ण रूप से बंद करने का फैसला सरकार ने लिया था। सभी वाहनों को अपने सीएनजी में कन्वर्ट करने की आदेश दिया गया था। कुछ लोगों ने अपनी डीजल गाड़ी को सीएनजी में कन्वर्ट भी कराया।लेकिन अधिकांश लोगों ने सीएनजी में गाड़ियों को कन्वर्ट नहीं कराया। परिवहन विभाग ने डीजल गाड़ियों के मालिकों की संख्या को देखते हुए इसे 31 मार्च, 2021 तक के बढ़ा दिया। तब कमोबेस 30 फीसदी डीजल बसें और ऑटो ही सीएनजी में कन्वर्ट हो सकी। 30 सितंबर 2021 को नई तारीख तय की गई थी।इसके बाद  31 मार्च 2022 तक की छूट दी गई। फिर विभाग ने 31 मार्च तक का समय दिया। विभाग ने किसी पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की।विभाग ने अंतिम मौका  31 सितम्बर तक का दिया। उसके बाद 1 अक्टूबर के बाद भी पटना की सड़को पर डीजल बसें और ऑटो दौड़ती रहीं। अब डीजल बसों या ऑटो को रोक कर उसपर कार्रवाई हो रही है। 17 बसों पर कार्रवाई हुई। परिवहन विभाग का कहना है कि डीजल बसों को पूर्ण रूप से बंद करा दिया जाएगा। पटना के सभी स्कूली को यह आदेश दिया गया कि जल्द से जल्द स्कूली डीजल बसों को बंद किया जाए और सीएनजी से चलने वाले गाड़ियों को बढ़ावा दिया जाए।

 

 

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