चकाई फतेह कर सुमित कुमार सिंह ने बिहार के राजनीति में परचम लहराया, फेल हुआ मोदी मैजिक तथा नीतीश करिश्मा

जमुई।पूरे बिहार के 243 विधानसभा क्षेत्रों में मात्र एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार की जीत हुई।वह सीट है जमुई का चकाई विधानसभा।चकाई विधानसभा में निर्दलीय प्रत्याशी सुमित सिंह को चुनाव में पराजित करने के लिए एनडीए तथा महागठबंधन के द्वारा जी तोड़ परिश्रम किया गया।मगर चकाई के मतदाताओं ने चकाई के लाल सुमित कुमार सिंह पर भरोसा जताया।सुमित कुमार सिंह चकाई से निर्दलीय चुनाव जीते हैं।उन्हें अपने प्रतिद्वंदी राजद की सावित्री देवी के मुकाबले 581 मत अधिक प्राप्त हुए हैं।सुमित कुमार सिंह को 45 548 तथा सावित्री देवी को 44 967 मत प्राप्त हुए।विदित हो की सुमित कुमार सिंह चकाई से 2010 में भी झामुमो के टिकट पर चुनाव जीतकर एमएलए रह चुके हैं।चकाई विधानसभा क्षेत्र सुमित कुमार सिंह के लिए पुश्तैनी सीट रही है।उनके दादा स्वर्गीय श्री कृष्ण सिंह तथा उनके पिता बिहार सरकार के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह भी चकाई विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं।पूरे बिहार में एक अकेले सीट से निर्दलीय विधायक जीतकर सुमित कुमार सिंह ने बिहार के राजनीति में अपना परचम लहरा दिया है।चकाई में सुमित कुमार सिंह के चक्रव्यूह के समक्ष ना तो ‘मोदी मैजिक’ चल सका ना ‘नीतीश करिश्मा’ ही काम आया।उल्लेखनीय है कि सुमित कुमार सिंह चुनाव पूर्व तक जदयू में शामिल थे।जदयू के द्वारा टिकट के नाम पर धोखा देने के बाद उन्हें निर्दलीय मैदान में उतारना पड़ा। हालांकि उनके बदले राजद से आए विधान पार्षद संजय प्रसाद को जदयू ने टिकट दिया।मगर संजय प्रसाद को करारी हार का सामना करना पड़ा। चुनाव प्रचार के दौरान निर्दलीय सुमित सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि सीएम नीतीश कुमार को अपने दरबारियों तथा चमचों की बात सुननी महंगी पड़ेगी।चकाई से निर्दलीय जीत हासिल कर सुमित कुमार सिंह ने अपने समर्थकों को उत्साह से लबरेज कर दिया।खास बात तो यह रही कि अपने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान सुमित कुमार सिंह लगातार जीत के प्रति जबरदस्त आत्मविश्वास से लबरेज रहे।निर्दलीय होते हुए भी उन्हें अपनी जीत का अंदाजा पूर्व से ही हो चुका था। फिलहाल जमुई में सुमित कुमार सिंह के पिता बिहार के कद्दावर राजनेता पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह तथा उनके समर्थकों के बीच जबरदस्त खुशी की दौड़ पड़ी है।

About Post Author

You may have missed