नए प्लान से पकड़े जाएंगे टैक्स चोर,जीएसटी चोरी पर अंकुश लगाएगी सरकार

नई दिल्ली।जीएसटी लागू होने के बावजूद टैक्स चोरी की संभावना कम नहीं हुई है, इसलिए वित्त मंत्रालय ने जीएसटी के पंजीकृत व्यवसायियों से सालाना रिर्टन की जानकारी मांगी है। इसमें उन्हें बिक्री, खरीद और इनपुट टैक्स क्रेडिट के बारे में पूरी जानकारी देना होगी।
हाल में अधिसूचित नए वार्षिक जीएसटी रिटर्न फार्म से टैक्स चोरी रोकने और उसकी निगरानी करने में काफी मदद मिलेगी। इसमें करदाता को पूरे साल के वित्तीय लेनदेन की जानकारी राजस्व विभाग को देनी होती है। लाभार्थी यानी व्यावसायी को वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान खरीद-बिक्री की पूरी जानकारी देनी होगी।
विभाग को सहूलियत होगी :
वार्षिक टैक्स रिटर्न एक प्रकार से किसी कारोबारी द्वारा भरे जाने वाले मासिक रिटर्न का ही एकीकृत रूप है । इससे राजस्व विभाग के समक्ष आपका पूरा लेनदेन सामने आ जाता है। इस फार्म में अतिरिक्त इनपुट क्रेडिट का दावा करने की कोई गुंजाइश नहीं है। इस फार्म के जरिए विभाग के पास व्यवसायी या उद्यमी के काफी आंकड़े उपलब्ध होंगे। इससे उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट दावा में विसंगतियों का पता लगाने में सहुलियत होगी। इसके आधार पर वह वास्तविक टैक्स का आकलन कर सकेंगे। इस इनपुट का उपयोग इनकम टैक्स विभाग भी कर सकेंगे। एक तरह से यह जीएसटी में पंजीयन के बावजूद टैक्स चोरी करने वालों पर अंकुश का काम करेंगा।

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