December 3, 2025

सासाराम में शादी समारोह में हर्ष फायरिंग से हड़कंप, गोली लगने से एक की मौत तीन गिरफ्तार

सासाराम। बिहार में शादी समारोहों में हर्ष फायरिंग की खतरनाक परंपरा एक बार फिर जानलेवा साबित हुई। रोहतास जिले के शिवसागर थाना क्षेत्र के थनुआ गांव में रविवार देर रात एक शादी समारोह के दौरान चली गोली ने बक्सर के एक व्यक्ति की जान ले ली। घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया और खुशी का माहौल मातम में बदल गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, थनुआ गांव में ढोरार के कंचनपुर से बारात आई थी। बारात के स्वागत और जश्न के बीच किसी ने पिस्टल से हर्ष फायरिंग शुरू कर दी। अचानक चली गोली वहां मौजूद 50 वर्षीय नंदन कुमार सिंह, निवासी बक्सर, को लग गई। गंभीर रूप से घायल नंदन सिंह को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही सासाराम एसडीपीओ वन दिलीप कुमार, शिवसागर थानाध्यक्ष सहित पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तीन संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। मौके से एक पिस्टल भी बरामद की गई है। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार आरोपितों की आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच की जा रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल सासाराम भेज दिया गया है। एसडीपीओ दिलीप कुमार ने बताया कि शादी, उत्सव या किसी भी मौके पर हर्ष फायरिंग पूरी तरह गैरकानूनी है। इसके बावजूद लोग इसे मनोरंजन या शान का प्रतीक मानकर करते हैं, जिसके कारण लगातार मौतें हो रही हैं। उन्होंने कहा कि वर-वधू पक्ष के लोगों से पूछताछ की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई तय है। गौरतलब है कि बिहार पुलिस मुख्यालय पहले ही स्पष्ट निर्देश जारी कर चुका है कि कोई भी व्यक्ति शादी-ब्याह, जन्मदिन या अन्य सामाजिक आयोजनों में हर्ष फायरिंग नहीं करेगा। इसके बावजूद राज्य के अलग-अलग जिलों में ऐसी घटनाएँ बार-बार सामने आ रही हैं। हाल ही में खगड़िया में शादी के तुरंत बाद हर्ष फायरिंग में दूल्हे की मौत हो गई थी, जिससे नई-नवेली दुल्हन विधवा हो गई। वहीं छपरा में डांस कार्यक्रम के दौरान चली गोली से एक महिला डांसर की मौत हो गई थी। लगातार बढ़ते ऐसे हादसों के बाद लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। कई मामलों में यह आरोप भी सामने आते हैं कि हर्ष फायरिंग करने वाले प्रभावशाली लोग पुलिस की पकड़ से बच जाते हैं क्योंकि दोनों पक्ष मिलकर मामले को रफा-दफा कर देते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि पुलिस सख्ती से कानून लागू करे और दोषियों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई हो, तभी ऐसी घटनाएँ रुक सकती हैं। थनुआ गांव में हुई इस ताज़ा घटना ने एक बार फिर हर्ष फायरिंग की भयावहता को सामने ला दिया है। एक परिवार अपने सदस्य को खोकर शोक में डूब गया है, जबकि खुशी का माहौल एक पल में मातम में बदल गया। पुलिस अब पूरे मामले की बारीकी से जांच कर रही है और उम्मीद जताई जा रही है कि दोषियों के खिलाफ जल्द ही कठोर कार्रवाई होगी। शादी समारोह में सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर उठते सवालों के बीच यह घटना बिहार में हर्ष फायरिंग पर रोक के आदेशों की प्रभावशीलता पर भी प्रश्न खड़ा करती है। अब देखना यह है कि ताजा मामले के बाद प्रशासन कितना सख्त कदम उठाता है ताकि ऐसी दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

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