पशुपालकों और मत्स्य पालकों ने राज्य की विकास दर को मेंटेन रखने में बड़ा योगदान दिया : उपमुख्यमंत्री

  • पशु विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में होगा गुणात्मक सुधार

पटना। वेटनरी कॉलेज कैंपस में बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के भवनों के निर्माण का शिलान्यास एवं कार्यारंभ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा किया गया। मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने संबोधित करते हुए कहा कि पशुपालन और मत्स्य संसाधन का क्षेत्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था की धूरी है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती में पशुपालन, मत्स्य संसाधन और दुग्ध उत्पादन में लगे लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब उद्योग-धंधे बंद हो गए थे, तब हमारे पशुपालकों और मत्स्य पालकों ने राज्य की विकास दर को मेंटेन रखने में बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार में शैक्षणिक संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं आधारभूत संरचनाओं के विकास की दिशा में सरकार ने मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में प्रतिबद्धता के साथ काम किया है। तकनीकी शिक्षण संस्थानों को सेंटर आॅफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने की योजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पशुपालन और मत्स्य संसाधन के क्षेत्र में तकनीकी पक्ष को मजबूत करने के दृष्टिकोण से बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के भवनों का आज कार्यारंभ हुआ है। विश्वविद्यालय के भवनों का कार्यारंभ होने से बिहार में आधारभूत संरचना के निर्माण की कड़ी में एक और नगीना जुड़ा है। उन्होंने कहा कि लगभग 890 करोड़ की लागत से बननेवाले बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पटना के भवनों का निर्माण होने से राज्य की ग्रामीण जनता को पशु विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सम-सामयिक क्षेत्रों में गुणात्मक सुधार की सुविधा सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि पशु विकास एवं प्रौद्योगिकी तथा कृषि विनिर्माण के क्षेत्र में कार्य करने वाले उद्योगों एवं अन्य स्टेक होल्डरों के साथ भागीदारी स्थापित करने में भी काफी मदद मिलेगी।

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