December 3, 2023

बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट प्रकाशित: मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी

  • बिहार में 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा वर्ग और 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग
  • अनुसूचित जाति 19.65 फीसदी, अनुसूचित जनजाति 1.68 फीसदी और सामान्य वर्ग 15.52 फीसदी
  • बिहार में करीब 82 फीसदी हिंदू और 17.7 फीसदी मुसलमान

पटना। बिहार सरकार सोमवार जातीय गणना के आंकड़े जारी कर दिया। प्रभारी मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह इसे लेकर एक किताब जारी की है। उन्होंने कहा कि बिहार में 2 करोड़ 83 लाख 44 हजार 160 परिवार हैं। इसमें पिछड़ा वर्ग की आबादी 27.12%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%, अनुसूचित जाति 19.65%, अनुसूचित जनजाति 1.68% और सामान्य वर्ग 15.52% है। बिहार की आबादी में करीब 82 फीसदी हिंदू और 17.7 फीसदी मुसलमान हैं। बिहार में जातीय गणना के रिपोर्ट प्रशासन की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट किया उन्होंने कहा कि गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं। जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई ! जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था। बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी एवं दिनांक 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी गई थी। इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है। जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है। इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी। बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर शीघ्र ही बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी तथा जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा। वही डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि यह ऐतिहासिक क्षण है, दशकों के संघर्ष का प्रतिफल है। सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा, 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 19 फीसदी से थोड़ी ज्यादा अनुसूचित जाति और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या बताई गई है. सोमवार को हुई प्रेस कांफ्रेंस में बताया गया कि बिहार सरकार ने जातीय जनगणना का काम पूरा कर लिया है. मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों ने इसकी रिपोर्ट जारी की. बिहार सरकार ने राज्य में जातिगत जनसंख्या 13 करोड़ से ज्यादा बताई है. अधिकारियों के मुताबिक जाति आधारित गणना में कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 बताई गई है. बिहार सरकार की तरफ से विकास आयुक्त विवेक सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. वह मुख्य सचिव के प्रभार में हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में सवर्णों की तादाद 15.52 फीसदी, भूमिहार की आबादी 2.86 फीसदी, ब्रहाणों की आबादी 3.66 फीसदी, कुर्मी की जनसंख्या 2.87 फीसदी, मुसहर की आबादी 3 फीसदी, यादवों की आबादी 14 फीसदी और राजपूत की आबादी 3.45 फीसदी है.
दो फेज में पूरी हुई है बिहार में जाति आधारित गणना
पहला 7 जनवरी से गणना का पहला चरण शुरू हुआ था। इस चरण में मकानों की सूचीकरण, मकानों को गिना गया। यह चरण 21 जनवरी 2023 को पूरा कर लिया गया था। जातीय गणना का दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरू हुआ था। जिसे 15 मई को पूरा हो जाना था। लोगों से डेटा जुटाए गए। दूसरे चरण में परिवारों की संख्या, उनके रहन-सहन, आय आदि के आंकड़े जुटाए गए। कोर्ट का फैसला आने तक जातिगत गणना के दूसरे फेज का काम तकरीबन 80 फीसदी पूरा हो चुका था। तभी पटना हाईकोर्ट के दखल के बाद 4 मई को जातिगत गणना रोक दी गई। एक अगस्त को पटना हाईकोर्ट ने गणना के खिलाफ सभी याचिकाएं खारिज कर दी थीं। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सरकार चाहे तो गणना करा सकती है। इसके तुरंत बाद नीतीश सरकार ने जातीय गणना को लेकर आदेश जारी कर दिया था। सरकार ने सभी डीएम को आदेश दिया कि हाईकोर्ट के फैसले के आधार पर जातीय गणना के बचे काम को पूरा करें। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अनुसार बिहार सरकार जातीय गणना नहीं, सिर्फ लोगों की आर्थिक स्थिति और उनकी जाति से संबंधित जानकारी लेना चाहती है। जिससे उनकी बेहतरी के लिए योजना बनाई जा सके। सरकार उन्हें बेहतर सेवा देने के लिए एक ग्राफ तैयार कर सके।

जानिए, किस वर्ग की कितनी आबादी

  • सामान्य वर्ग – 15.52%
  • पिछड़ा वर्ग- 27.12%
  • ओबीसी – 36.1%
  • अनूसूचित जाति- 19.65%
  • अनूसचित जनजाति – 1.68%

जानिए, किस जाति की कितनी आबादी

  • ब्राह्मण- 3.67%
  • राजपूत- 3.45%
  • भूमिहार- 2.89%
  • कायस्थ – 0.60%
  • यादव – 14.26 %
  • कुरमी- 2.87%
  • तेली- 2.81%
  • मुसहर- 3.08%
  • सोनार-0.68%

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