औरंगाबाद में कार और स्कॉर्पियो की टक्कर, पति-पत्नी की मौत, 3 की हालत गंभीर

औरंगाबाद। बिहार के औरंगाबाद जिले में एक दर्दनाक सड़क हादसे में एक दंपति की मौत हो गई, जबकि उनके तीन बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा एनएच-139 पर रिसियप थाना क्षेत्र के घेउरा गांव के पास हुआ, जहां कार और तेज रफ्तार स्कॉर्पियो की जोरदार टक्कर हो गई। हादसा इतना भीषण था कि कार सवार दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना ने एक बार फिर से राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुरक्षा और यातायात नियंत्रण की गंभीरता को सामने ला दिया है। यह हादसा बुधवार देर रात हुआ, जब सिमरा थाना क्षेत्र के बैरांव गांव निवासी धीरज कुमार अपनी पत्नी ज्योति देवी और तीन बच्चों के साथ औरंगाबाद से अपने गांव लौट रहे थे। धीरज अपनी कार में थे और जैसे ही उन्होंने एनएच 139 पर रिसियप थाना क्षेत्र के घेउरा मोड़ के पास पहुंचा, सामने से तेज रफ्तार में आ रही एक अनियंत्रित स्कॉर्पियो ने कार को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार सड़क किनारे खाई में जा पलटी। इस दुर्घटना में धीरज और उनकी पत्नी ज्योति की जान चली गई, जबकि उनके तीन बच्चे शिवन्या कुमारी, सुहानी कुमारी, और पुत्र आदि कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और आपातकालीन सेवाओं को सूचना दी। घटना की जानकारी मिलते ही डायल 112 की पुलिस टीम और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंची। पुलिस ने घायलों को तुरंत औरंगाबाद के सदर अस्पताल पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने बताया कि धीरज, उनकी पत्नी ज्योति और उनकी बेटी शिवन्या की हालत गंभीर है, जिसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया। दुर्भाग्यवश, जमुहार मेडिकल कॉलेज ले जाते समय धीरज और ज्योति की रास्ते में ही मौत हो गई। इस हादसे की प्रमुख वजह स्कॉर्पियो का तेज रफ्तार और नियंत्रण खो देना बताया जा रहा है। औरंगाबाद जिले में यह कोई पहला हादसा नहीं है जब एनएच-139 पर इस तरह की घटनाएं हुई हैं। यह राजमार्ग अपने खतरनाक मोड़ों और तेज रफ्तार वाहनों की वजह से कुख्यात हो चुका है। इस क्षेत्र में आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं, जो कभी-कभी जानलेवा साबित होती हैं। धीरज कुमार और ज्योति देवी की इस दुखद मौत ने उनके परिवार और उनके गांव में शोक की लहर पैदा कर दी है। उनके बच्चे, जो इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए हैं, अब अपनी जान बचाने के लिए अस्पताल में संघर्ष कर रहे हैं। हादसे के बाद, स्थानीय लोगों ने घटनास्थल पर एकत्रित होकर अपनी नाराजगी जाहिर की। उनका कहना है कि इस राजमार्ग पर तेज रफ्तार वाहनों की समस्या आम है, और इस पर कोई प्रभावी नियंत्रण नहीं है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इस क्षेत्र में गति सीमा का सख्ती से पालन कराया जाए और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अन्य उपाय किए जाएं। वहीं, औरंगाबाद के एसडीपीओ संजय कुमार पांडे ने इस घटना को बेहद दुखद बताते हुए कहा कि पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। स्कॉर्पियो चालक की पहचान और गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। बिहार में सड़क दुर्घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, खासकर राष्ट्रीय राजमार्गों पर। तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाने के कारण हर साल सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। इन हादसों में ज्यादातर मामले तेज रफ्तार, लापरवाही और यातायात नियमों की अनदेखी के कारण होते हैं। राज्य सरकार ने इन घटनाओं को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन उनकी प्रभावशीलता पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि सड़क दुर्घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। यह हादसा एक बार फिर से यह सवाल खड़ा करता है कि क्या तेज रफ्तार वाहनों पर नियंत्रण के लिए पर्याप्त उपाय किए जा रहे हैं? धीरज कुमार और ज्योति देवी की इस दुखद मौत ने न केवल उनके परिवार को तोड़ दिया है, बल्कि यह भी दिखाता है कि सड़क सुरक्षा की दिशा में अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। इस तरह की दुर्घटनाओं से बचने के लिए सख्त यातायात नियमों का पालन और जनता में जागरूकता पैदा करना बेहद जरूरी है। उम्मीद की जा रही है कि इस हादसे के बाद प्रशासन इस क्षेत्र में अधिक सतर्कता बरतेगा और तेज रफ्तार वाहनों पर नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठाएगा।
