December 4, 2025

सदन में विजय सिन्हा का बड़ा ऐलान, कहा- बालू माफियाओं की छाती पर बुलडोजर चलेगा, हम पूरे नेटवर्क को खत्म करेंगे

पटना। बिहार विधानसभा का वातावरण गुरुवार को अचानक बेहद तनावपूर्ण हो गया, जब बालू माफिया के मुद्दे पर सत्ता और विपक्ष आमने-सामने आ गए। डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा और राजद के वरिष्ठ विधायक भाई वीरेंद्र के बीच हुई तीखी नोकझोंक ने सदन की कार्यवाही को कुछ समय के लिए गरमा दिया। बालू खनन से जुड़े अवैध कारोबार और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ने सदन को मानो एक राजनीतिक संघर्ष के अखाड़े में बदल दिया।
विजय सिन्हा का कड़ा रुख—बालू माफिया पर बुलडोजर चलेगा
डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने सदन में बेहद सख्त लहजे में कहा कि राज्य सरकार बालू माफिया के खिलाफ पूरी ताकत से कार्रवाई कर रही है। उनके शब्द थे कि बालू माफियाओं की “छाती पर बुलडोजर” चलेगा और यह कार्रवाई किसी भी कीमत पर रुकने वाली नहीं है। उन्होंने बताया कि बिहार में अवैध खनन माफिया का नेटवर्क अब “इंडस्ट्री” के रूप में फैल चुका है और सरकार इसे पूरी तरह ध्वस्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। सिन्हा ने दावा किया कि अवैध खनन के इस नेटवर्क पर सरकार लगातार नजर रखे हुए है। प्रशासनिक स्तर पर कई कार्रवाइयाँ शुरू की जा चुकी हैं और आने वाले दिनों में इससे जुड़ी और भी कड़ाई देखने को मिलेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बालू कारोबार से जुड़े चाहे कितने भी रसूखदार लोग क्यों न हों, सरकार कानून का शिकंजा कसने से पीछे नहीं हटेगी।
भाई वीरेंद्र का पलटवार—राजनीतिक माहौल गरमाया
विजय सिन्हा के आक्रामक बयान के बाद विपक्ष की ओर से भाई वीरेंद्र ने तीखा सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि “इनका भी बालू माफिया से रिश्ता रहा है।” इस आरोप ने सदन का माहौल पल भर में उबाल पर ला दिया। आरोप सुनते ही सत्ता पक्ष से शोर उठने लगा और विजय सिन्हा तुरंत अपनी सीट से उठे। उन्होंने विपक्षी आरोप को झूठा बताते हुए कहा कि बिना सबूत किसी पर कीचड़ उछालना राजद की पुरानी आदत है। उन्होंने कहा कि नकारात्मक राजनीति और मनगढ़ंत आरोपों की राजनीति को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सिन्हा ने यह भी कहा कि जो लोग आज आरोप लगा रहे हैं, उन्हीं के शासन में बिहार में “जंगलराज” पनपा था और अवैध कारोबार को फलने-फूलने का मौका मिला था।
सरकार का दावा—बालू माफिया के खिलाफ प्रशासनिक जंग
विजय सिन्हा ने सदन में यह साफ किया कि सरकार की कार्रवाई राजनीतिक नहीं बल्कि प्रशासनिक है। उन्होंने कहा कि अवैध बालू खनन से राज्य की अर्थव्यवस्था को नुकसान होता है और पर्यावरण पर गंभीर असर पड़ता है। इसलिए सरकार इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगी। उनका कहना था कि आने वाले समय में बालू खनन पर निगरानी और भी कड़ी की जाएगी और पूरे नेटवर्क को खत्म करने की दिशा में काम जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही कई जिलों में छापेमारी अभियान तेज किया जाएगा और जो भी व्यक्ति अवैध खनन में शामिल पाया जाएगा उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। यह संदेश देते हुए उन्होंने विपक्ष से भी सहयोग की उम्मीद जताई।
विपक्ष का आरोप—सरकार सिर्फ बयानबाज़ी कर रही है
दूसरी ओर, विपक्ष का कहना है कि सरकार केवल बड़े-बड़े बयान दे रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर गंभीर प्रयास कम दिखाई देते हैं। विपक्ष का आरोप है कि सत्ता के भीतर ही ऐसे लोग मौजूद हैं जिनकी मूक सहमति से बालू माफिया फल-फूल रहे हैं। इसलिए सरकार की कार्रवाई दिखावटी है और बिना राजनीतिक इच्छाशक्ति के इस समस्या का समाधान नहीं हो सकता। भाई वीरेंद्र के आरोपों के बाद विपक्ष ने कहा कि यदि सरकार ईमानदार है तो उसे पूरी पारदर्शिता के साथ बालू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और उन लोगों के नाम भी उजागर करने चाहिए जो इस कारोबार को संरक्षण देते हैं।
सदन की गरमी और राजनीतिक संदेश
सदन में आज जो दृश्य देखने को मिले, उससे यह साफ है कि बिहार में बालू की राजनीति केवल खनन तक सीमित नहीं बल्कि यह राजनीतिक शक्ति और प्रभाव की लड़ाई बन चुकी है। बालू से जुड़ा अवैध कारोबार राजस्व, प्रशासन और राजनीति तीनों को प्रभावित करता है। इसलिए जब भी इस मुद्दे पर चर्चा होती है, आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो जाता है। विजय सिन्हा का दृढ़ रुख यह संकेत देता है कि सरकार अब बालू माफिया पर और सख्ती दिखाने के मूड में है। वहीं विपक्ष का प्रतिरोध बताता है कि इस मुद्दे पर राजनीति और संघर्ष दोनों आगे भी जारी रहेंगे। बिहार विधानसभा का गुरुवार का सत्र दर्शाता है कि बालू माफिया के मुद्दे पर राज्य की राजनीति कितनी संवेदनशील है। सरकार जहाँ अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का दावा कर रही है, वहीं विपक्ष आरोप लगा रहा है कि सरकार खुद इस नेटवर्क से मुक्त नहीं है। यह संघर्ष साबित करता है कि आने वाले दिनों में बालू खनन का मुद्दा बिहार की राजनीति का केंद्रीय विषय बना रहेगा।

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