कैमूर में 100 अवैध मकानों पर चला बुलडोजर, विरोध करने पर पूर्व विधायक गिरफ्तार
- 5 घंटे तक चली कार्रवाई, भारी संख्या में अतिरिक्त बल रहा मौजूद
कैमूर। बिहार के कैमूर में जिला प्रसाशन ने अतिक्रमण कर बनाये गये करीब 100 मकानों पर बड़ी कार्रवाई की है। प्रसाशन ने नुआंव प्रखंड के दरौली पोखरा के भंडा पर बनाये 100 से अधिक मकानों को घ्वस्त कर दिया। स्थानीय लोगों ने इसका काफी विरोध किया। वहीं घर तोड़े जाने पर कई परिवार के आंखों से आंसू निकल आये। भभुआ के पूर्व विधायक रामचंद्र यादव ने प्रसाशन के कार्रवाई का विरोध किया। जिसपर पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया गया। जानकारी के अनुसार, इस कार्रवाई के दौरान जिला मुख्यालय से मंगाये गये अतिरिक्त बल 70 पुरुष व 30 महिला पुलिस जवान पूरी तरह से मुस्तैद दिखे। दरअसल, मकानों को ध्वस्त करने की कार्रवाई रविवार की दोपहर लगभग एक बजे से प्रशासन द्वारा दरौली-कन्हूआ पथ से सटे अवैध पक्के मकानों को तोड़ते हुए शुरू की गयी और देखते ही देखते प्रशासन द्वारा लाये गये चार बुलडोजर पोखर के भिंड पर बने मकानों को तेजी से ध्वस्त करते दिखे।
लगभग पांच घंटे तक चली कार्रवाई
इधर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को लेकर विधि व्यवस्था को और चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए लगभग साढ़े तीन बजे अनुमंडल मुख्यालय से एसडीएम सत्येंद्र प्रसाद व डीएसपी फैज अहमद खान सादे लिबास में दरौली पोखर के भिंड पर मौजूद रहे। लगभग पांच घंटे तक चली इस कार्रवाई के दौरान किसी भी प्रकार का विरोध अतिक्रमणकारियों द्वारा नहीं किया गया। वहीं दूसरी तरफ रामगढ़ थानाध्यक्ष राम कल्याण यादव व नुआंव सीओ बद्री प्रसाद गुप्ता द्वारा मौके पर मौजूद पुलिस के जवानों सहित धराशायी कर रही जेसीबी के चालकों की हर गतिविधियों पर पैनी नजर रखी गयी थी।
223 डिसमिल जमीन पर था अवैध मकान
गौरतलब है कि जिले के सबसे बड़े 36 एकड़ 96 डिसमिल में फैले दरौली पोखर के दो भिंड पर वर्षों से सौ से अधिक अतिक्रमणकारियों द्वारा 223 डिसमिल जमीन पर अवैध तरीके से 100 मकान बना कर अतिक्रमण किया गया था। राज्य की सरकार द्वारा जल-जीवन-हरियाली अभियान लागू करने के बाद उक्त पोखर पर अंचल के सीओ द्वारा वर्ष 2018-19 में अतिक्रमण वाद चलाते हुए वर्ष 2019 में सभी अतिक्रमणकारियों को पहला नोटिस दिया गया था। इस दौरान कई बार अंचल द्वारा और भी नोटिस उक्त लोगों को तामिला कराये गये। अंतिम नोटिस 2022 में देते हुए अतिक्रमण हुए घरों से लोगों को छोड़ कर हटने को बोला गया था।