नौबतपुर में अवैध अतिक्रमण पर चलेगा बुलडोजर, नोटिस के बाद लोगों में हड़कंप, खुद कई दुकान हटाये
पटना। जिले के नौबतपुर में नगर पंचायत द्वारा अतिक्रमण हटाने की घोषणा के बाद पूरे बाजार क्षेत्र में हड़कंप मच गया। प्रशासन की ओर से माइकिंग कर 24 घंटे की मोहलत दिए जाने के बाद अधिकांश दुकानदारों ने अपनी दुकानों और ठेलों के आगे किए गए अवैध कब्जों को स्वयं हटाना शुरू कर दिया। यह कदम जहां सड़क चौड़ीकरण और यातायात सुचारू रखने के लिहाज से महत्वपूर्ण है, वहीं गरीब एवं फुटकर दुकानदारों में भविष्य को लेकर संशय भी पैदा कर रहा है।
प्रशासन ने दिया 24 घंटे का नोटिस
नगर पंचायत नौबतपुर ने शुक्रवार को बाजार क्षेत्र में माइकिंग कर साफ चेतावनी जारी की कि सभी लोग 24 घंटे के अंदर अपने-अपने अतिक्रमण को स्वयं हटा लें। यदि तय समय में अतिक्रमण नहीं हटाया गया, तो प्रशासन बुलडोजर चलाकर कार्रवाई करेगा और इसका खर्च भी अवैध कब्जाधारकों से वसूला जाएगा। इस घोषणा के बाद कई दुकानदारों ने जल्दबाजी में अपने काउंटर, बढ़ाए गए शेड, टीन शेड और दुकान के बाहर रखे सामान को हटाना शुरू कर दिया।
दुकानदारों में चिंता और घबराहट
अतिक्रमण हटाने की सूचना मिलते ही दुकानदारों में बेचैनी फैल गई। कई दुकानदारों ने इसे प्रशासन की सख्त कार्रवाई बताते हुए चिंता व्यक्त की कि यदि उनकी दुकानें या ठेले हटाए गए, तो उनके परिवार का गुजर-बसर कैसे चलेगा। छोटे और फुटकर दुकानदारों का कहना है कि वे वर्षों से सड़क किनारे दुकान लगाकर अपना जीवनयापन कर रहे हैं। अचानक कार्रवाई शुरू होने से उनकी रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है।
वैकल्पिक वेंडिंग जोन की मांग
स्थानीय दुकानदारों ने वार्ड पार्षद और नगर पंचायत से मांग की है कि अतिक्रमण हटाने से पहले फुटकर व्यापारियों के लिए अलग वेंडिंग जोन निर्धारित किया जाए। उनका कहना है कि यदि उन्हें एक व्यवस्थित स्थान दे दिया जाए, तो वे वहां जाकर आसानी से अपनी दुकान चला सकते हैं। कई लोगों ने सुझाव दिया कि ऐसे व्यापारियों की पहचान कर सरकार को स्थायी वेंडिंग स्थल बनाने चाहिए, ताकि सड़कें भी खाली रहें और गरीब दुकानदारों की आय का स्रोत भी सुरक्षित रहे।
कुछ लोगों ने बताया सही कदम
हालांकि, बाजार के कुछ लोगों ने प्रशासन की इस पहल का स्वागत किया। उनका कहना है कि अतिक्रमण के कारण सड़कें संकरी हो गई थीं और आए दिन जाम लगता था। पैदल चलना भी मुश्किल हो गया था। कई दुर्घटनाएं भी अवैध कब्जों के कारण हुई हैं। इन लोगों का मानना है कि यदि सड़कें साफ हो जाएंगी, तो बाजार में खरीद-बिक्री भी बेहतर होगी और यातायात व्यवस्थित रहेगा।
अवैध अतिक्रमण क्यों बन गया था बड़ी समस्या?
पिछले कई वर्षों में नौबतपुर बाजार में दुकानदारों ने धीरे-धीरे फुटपाथ और सड़क पर कब्जा कर लिया था। दुकानें आगे बढ़ गई थीं, कई लोगों ने टीन शेड बनाकर सड़क पर ही अस्थायी ढांचा खड़ा कर लिया था। इससे न केवल सड़क की चौड़ाई कम हो गई बल्कि स्कूल जाने वाले बच्चों, बुजुर्गों और आम राहगीरों का आना-जाना भी जोखिम भरा हो गया था। वाहन चालकों को रोज जाम की समस्या का सामना करना पड़ता था।
प्रशासन की आगे की कार्रवाई
नगर पंचायत ने कहा है कि जो लोग निर्धारित समय में अतिक्रमण नहीं हटाएंगे, उनके विरुद्ध बुलडोजर चलाकर कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया किसी भी हालत में रोकी नहीं जाएगी। इसके साथ ही वेंडिंग जोन बनाने को लेकर भी प्रारंभिक स्तर पर बातचीत शुरू की गई है, ताकि प्रभावित दुकानदारों को भविष्य में एक व्यवस्थित स्थान मिल सके।
दुकानदारों और जनता दोनों की अपेक्षाएँ
जहाँ आम जनता साफ-सुथरी और चौड़ी सड़कें चाहती है, वहीं गरीब दुकानदार अपने भरण-पोषण की चिंता कर रहे हैं। दोनों पक्षों की समस्याएँ वास्तविक हैं और प्रशासन को इनका संतुलित समाधान निकालने की आवश्यकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अतिक्रमण हटाना जरूरी है, लेकिन उसके साथ-साथ वैकल्पिक व्यवस्था भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। नौबतपुर में प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की घोषणा से बाजार का माहौल एकदम बदल गया है। एक ओर दुकानदारों में भय है, वहीं दूसरी ओर आम लोगों को उम्मीद है कि इससे शहर की सड़कें फिर से खुली और सुव्यवस्थित होंगी।


