August 20, 2025

भारत पाकिस्तान जंग में सीवान का बीएसएफ जवान शहीद, अस्पताल में इलाज के दौरान तोडा दम

सीवान। बिहार के सीवान जिले ने एक और वीर जवान को देश की रक्षा में खो दिया है। बॉर्डर पर देश की सेवा करते हुए बीएसएफ जवान रामबाबू प्रसाद ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। जम्मू-कश्मीर सीमा पर तैनात रामबाबू पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान मंगलवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।
सीमा पर हुआ हमला, अस्पताल में दम तोड़ा
9 मई को पाकिस्तान की तरफ से की गई गोलीबारी में रामबाबू गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। उन्हें तुरंत सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया और डॉक्टरों की टीम उन्हें बचाने में जुटी रही। मगर उनकी चोटें इतनी गहरी थीं कि वे जिंदगी की जंग हार गए। उनकी शहादत की खबर जैसे ही उनके गांव वसिलपुर पहुंची, पूरे इलाके में मातम पसर गया। गांव का हर शख्स स्तब्ध है और शोक की लहर पूरे क्षेत्र में दौड़ गई है।
तीन महीने पहले हुई थी शादी, खुशियों का घर उजड़ गया
इस शहादत को और भी पीड़ादायक बना देती है यह सच्चाई कि रामबाबू की शादी अभी फरवरी महीने में ही हुई थी। घर में नई जिंदगी की शुरुआत हुई थी, परिवार में खुशियों का माहौल था। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। शादी के तीन महीने भी पूरे नहीं हुए थे कि यह दुखद समाचार पूरे परिवार को तोड़ गया। उनकी पत्नी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, लेकिन आंखों में आंसू के साथ वह अपने वीर पति की शहादत पर गर्व भी महसूस कर रही हैं।
पैतृक गांव में शोक और गर्व का मिला-जुला माहौल
शहीद रामबाबू प्रसाद का पैतृक गांव वसिलपुर, थाना गौतम बुद्ध नगर के अंतर्गत आता है। वे पूर्व उप मुखिया स्वर्गीय रामविचार सिंह के पुत्र थे। रामबाबू बचपन से ही देशभक्ति के जज्बे से भरे हुए थे और उन्होंने उसी भावना के साथ बीएसएफ जॉइन किया था। उनका सपना था देश की सेवा करना और उन्होंने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए प्राणों की आहुति दे दी। गांव के लोग आज गर्व और दुःख के मिले-जुले भाव के साथ उनके पार्थिव शरीर की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई की तैयारी
शाम तक उनका शव गांव पहुंचने की संभावना है। प्रशासन की ओर से राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सैन्य अधिकारियों और स्थानीय प्रशासनिक अफसरों के पहुंचने की खबर है, जो शहीद को श्रद्धांजलि देंगे। गांव के लोगों की आंखों में आंसू हैं लेकिन सीने में फक्र भी है कि उनका लाल देश के लिए शहीद हुआ। रामबाबू प्रसाद की यह शहादत केवल उनके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार और भारत के लिए एक गर्व और आंसुओं से भरा हुआ पल है। उनके बलिदान को देश हमेशा याद रखेगा।

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