बख्तियारपुर में अचानक टूटा पीपा पुल, पिकअप वाहन फंसा, गाड़ियों की लगी लंबी लाइन, लोग परेशान

पटना। जिले के बाढ़ अनुमंडल अंतर्गत बख्तियारपुर प्रखंड के ग्यासपुर इलाके में मंगलवार को उस समय हड़कंप मच गया जब दियारा क्षेत्र को मुख्य भूमि से जोड़ने वाला पीपा पुल अचानक टूट गया। पुल की प्लेट अचानक टूटने से एक पिकअप वाहन बीच पुल में ही फंस गया, जिससे आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया।
एक घंटे से लगी है वाहनों की लंबी कतार
इस पुल के क्षतिग्रस्त होते ही दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। मोटरसाइकिल, साइकिल, कार, ऑटो और छोटे मालवाहक वाहन पुल के दोनों किनारों पर फंसे रह गए। लोग गर्मी में बेहाल होकर पुल के सही होने का इंतजार करते दिखे। कई लोग तो पैदल ही पुल पार करने की कोशिश करते नजर आए, लेकिन पुल की हालत को देखते हुए यह जोखिम भरा साबित हो रहा है।
पिछले कई दिनों से खराब थी पुल की स्थिति
स्थानीय निवासियों ने बताया कि यह पीपा पुल पिछले कई दिनों से जर्जर हालत में था। जगह-जगह प्लेटें ढीली हो गई थीं और कई स्थानों पर पुल झुक भी गया था। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते मरम्मत होती तो आज की परेशानी नहीं होती।
15 जून को था पुल खोलने का प्रस्ताव
प्रशासन ने पहले ही इस पीपा पुल को 15 जून से खोलने की योजना बनाई थी, क्योंकि बरसात के समय यह पुल खोल दिया जाता है ताकि बाढ़ के पानी से उसे नुकसान न पहुंचे। इसी योजना के तहत दो दिन पहले पुल के कुछ हिस्से को खोलना शुरू किया गया था। मगर इस प्रक्रिया के दौरान पुल की प्लेट टूट गई, जिससे एक वाहन फंस गया और यातायात पूरी तरह बाधित हो गया।
दियारा क्षेत्र के लोगों को भारी परेशानी
ग्यासपुर पीपा पुल दियारा क्षेत्र को बख्तियारपुर और अन्य शहरी इलाकों से जोड़ने वाला मुख्य रास्ता है। इस पुल के बंद होते ही दियारा क्षेत्र के लोगों का संपर्क कट गया है। स्कूल जाने वाले बच्चे, दफ्तर जाने वाले कर्मचारी और फल-सब्जी के व्यापारियों को भारी कठिनाई हो रही है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि पुल की मरम्मत तुरंत कराई जाए ताकि आवागमन सुचारु हो सके।
प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग
घटना के बाद से स्थानीय लोगों में प्रशासन के प्रति नाराजगी है। लोगों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद पीपा पुल की स्थिति को नजरअंदाज किया गया। अब जब दुर्घटना हो गई है, तब जाकर प्रशासन की नींद टूटी है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि पुल की तुरंत मरम्मत कराई जाए या वैकल्पिक रास्ते की व्यवस्था की जाए।
यातायात व्यवस्था पूरी तरह प्रभावित
इस पीपा पुल के क्षतिग्रस्त होने से क्षेत्र की पूरी यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। बाजारों में सामान की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। स्थानीय व्यापारी वर्ग चिंतित है कि यदि जल्द पुल नहीं खोला गया तो व्यापार पर बुरा असर पड़ेगा। वहीं, मरीजों और आपातकालीन सेवाओं के लिए भी यह बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है। बख्तियारपुर का ग्यासपुर पीपा पुल वर्षों से ग्रामीणों के जीवन रेखा के रूप में काम कर रहा है, लेकिन प्रशासन की अनदेखी के कारण अब यह दुर्घटना का कारण बनता जा रहा है। यह घटना एक चेतावनी है कि बुनियादी ढांचे की अनदेखी आमजन के जीवन को कैसे संकट में डाल सकती है। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे महत्वपूर्ण संसाधनों की समय पर देखरेख और मरम्मत सुनिश्चित करे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
