बिहार में नई सरकार के गठन का ब्लू प्रिंट तैयार : जदयू से 8 तो राजद से बन सकते हैं 15 मंत्री, जाने पूरी अपडेट

पटना, (राजकुमार)। बिहार के सियासी गलियारों में मंगलवार का दिन बेहद खास रहा। बता दें कि काफी लंबे समय से एनडीए गठबंधन में चल रही खींचतान का आज अंत हो गया। सूत्रों की माने तो बिहार में भाजपा और जदयू का गठबंधन समाप्त हो चुका है। इस समाप्ति पर केवल अब औपचारिक बयान आना बाकी रह चुका है। वही सीएम नीतीश अब अपने पुराने साथी लालू यादव की पार्टी के साथ मिलकर नई सरकार के गठन की प्रक्रिया में लग गए हैं। क्या बताया जा रहा है कि आज शाम 4:00 बजे नीतीश कुमार बिहार के राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात करेंगे और अपना त्यागपत्र देकर नई सरकार के गठन की प्रक्रिया को शुरू करेंगे। वैसे मैं अब यह सवाल सामने आ रहा है कि बीजेपी के मंत्रियों की बर्खास्तगी के बाद बिहार का नया मंत्रिमंडल कैसा होगा। महागठबंधन से किन किन दलों की हिस्सेदारी मंत्रिमंडल में दी जाएगी। सूत्रों की मानें तो इसके लिए भी सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने मिलकर आगामी सरकार के लिए ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है। जानकारी के अनुसार, नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की नई सरकार में पांच विधायकों पर एक मंत्री का फार्मूला तय किया गया है। इस हिसाब से जदयू कोटे से मुख्यमंत्री पद के अलावा आठ मंत्री का शामिल हो सकते हैं। सबसे बड़ी भागीदारी राजद की होगी। उसके करीब 15 मंत्री बनाए जा सकते हैं। जिसके बाद भाजपा कोटे के अधिकतर विभाग राजद के खाते में जा सकते हैं।
जानिए कौन-कौन बन सकता हैं मंत्री
वही स्पीकर को लेकर अभी स्पष्ट नहीं है। इस पर जदयू और राजद दोनों की दावेदारी है। बताया जा रहा हैं की राजद की ओर से अवध बिहारी चौधरी दावेदार हैं, किंतु नीतीश कुमार की पसंद विजय कुमार चौधरी हैं। वह पहले भी महागठबंधन की सरकार में स्पीकर रह चुके हैं। नई सरकार में राजद की ओर से सभी वर्गों का ध्यान रखे जाने का फार्मूला तय है। सवर्णों को भी पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। कांग्रेस कोटे से मदन मोहन झा, अजित शर्मा एवं शकील अहमद खान का नाम चल रहा है। राजद की ओर से जिन नामों की चर्चा चल रही है, उसमें आलोक मेहता सबसे ऊपर हैं। वैश्य कोटे से रणविजय साहू को प्राथमिकता दी जा सकती है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर की लाटरी भी लग सकती है। हालांकि राजपूत कोटे सुधाकर मंत्री बनेंगे। हालांकि राबड़ी के करीबी होने के कारण सुनील सिंह भी प्रबल दावेदार हैं। भाकपा माले से महबूब आलम का मंत्री बनना तय माना जा रहा है। माले के खाते में दो मंत्री पद आएंगे। भाकपा और माकपा को भी प्रतिनिधित्व मिल सकता है।

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