November 22, 2025

बीजेपी का विपक्ष पर हमला, कहा- हार पर रोना बंद कीजिए, सबूत है तो जाएं कोर्ट

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद राजनीतिक बयानबाजी रुकने का नाम नहीं ले रही है। परिणाम घोषित होने के बाद जहाँ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने कई सीटों पर बेईमानी का आरोप लगाया, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे विपक्ष की हताशा बताया है। राजद ने दावा किया कि नबीनगर, अगिआंव और संदेश जैसी कई सीटों पर पोस्टल बैलेट रद्द होने और बेहद कम अंतर से मिले नतीजों से स्पष्ट है कि महागठबंधन को जानबूझकर हराया गया। राजद के इन आरोपों पर भाजपा ने त्वरित प्रतिक्रिया दी है।
भाजपा ने कहा—हार बर्दाश्त नहीं कर पा रहे विपक्ष
भाजपा के मीडिया पैनलिस्ट नीरज कुमार शर्मा ने राजद पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष अपनी हार पचा नहीं पा रहा है। उनके अनुसार, चुनाव आयोग की प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष रही, फिर भी राजद बेबुनियाद आरोप लगाकर जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है। नीरज कुमार ने चुनौती देते हुए कहा कि चुनाव परिणाम को चुनौती देने के लिए 45 दिनों का समय होता है, जिसमें 38 दिन अब भी बाकी हैं। यदि राजद के पास किसी प्रकार का सबूत है, तो उसे अदालत का दरवाज़ा खटखटाना चाहिए, न कि सोशल मीडिया पर रोने की राजनीति करनी चाहिए।
कम अंतर वाली सीटों पर राजद के आरोप
राजद ने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से तीन सीटों पर रद्द पोस्टल बैलेट की संख्या और जीत के बेहद कम अंतर को जोड़ते हुए बेईमानी का आरोप लगाया। राजद के अनुसार:
नबीनगर सीट पर जेडीयू के चेतन आनंद 112 वोट से जीते, जबकि यहाँ 132 डाक मत रद्द हुए। अगिआंव में भाजपा के महेश पासवान सिर्फ 95 वोट से जीते, जहां 175 पोस्टल बैलेट रिजेक्ट हुए। संदेश विधानसभा में जेडीयू के राधाचरण साह 27 वोट से विजयी हुए, जबकि 360 पोस्टल वोट रद्द किए गए। संदेश विधानसभा की यह जीत पूरे चुनाव में सबसे कम अंतर वाली जीत दर्ज हुई है।
भाजपा ने पलटवार किया—तो क्या हमने अपने उम्मीदवारों को भी हरवाया?
भाजपा नेता नीरज कुमार ने पलटवार करते हुए कहा कि यदि पोस्टल बैलेट रद्द होना ही बेईमानी है, तो फिर एनडीए के जिन सात उम्मीदवारों को 1000 से कम वोटों से हार मिली, क्या उन्हें भी राजद ने हरवाया? उन्होंने सूची भी गिनाई-
रामगढ़ में भाजपा के अशोक सिंह सिर्फ 30 वोट से हारे
ढाका में पवन जायसवाल 178 वोट से हारे
फारबिसगंज में विद्यासागर केसरी 221 वोट से हारे
चनपटिया में उमाकांत सिंह 602 वोट से हारे
जहानाबाद में जेडीयू के चंदेश्वर प्रसाद 793 वोट से हारे
बोध गया में लोजपा (रा) के श्यामदेव पासवान 881 वोट से हारे
नीरज ने पूछा कि यदि रद्द पोस्टल बैलेट बेईमानी का संकेत है, तो क्या इन हारों को भी उसी श्रेणी में रखा जाए? चुनाव आयोग की गाइडलाइनों के अनुसार, हर पोस्टल बैलेट का सत्यापन एक विशेष प्रक्रिया के तहत किया जाता है, जिसमें त्रुटि मिलने पर उसे रद्द किया जाता है। राजद का कहना है कि इस बार रद्द पोस्टल वोटों की संख्या संदिग्ध रूप से अधिक है, विशेषकर उन सीटों पर जहां महागठबंधन के प्रत्याशी बेहद कम अंतर से हार गए।
राजनीतिक माहौल में बढ़ी तीखी बयानबाजी
यह पूरा विवाद चुनाव परिणाम के बाद बढ़ते तनाव और तीखी राजनीतिक बयानबाजी को दर्शाता है। एक ओर एनडीए चुनाव को जनता का विश्वास बताकर विजय का जश्न मना रहा है, वहीं महागठबंधन अपनी हार को ‘संदिग्ध’ बताते हुए कई सीटों की पुनर्गणना और जांच की मांग कर रहा है। भाजपा ने साफ कहा है कि वह बेबुनियाद आरोपों को स्वीकार नहीं करेगी और विपक्ष को आरोप लगाने के बजाय कानूनी रास्ता अपनाना चाहिए। बिहार चुनाव के बाद पोस्टल बैलेट को लेकर खड़ा हुआ विवाद अब राजनीतिक संग्राम में बदलता दिख रहा है। राजद जहाँ इसे चुनावी अनियमितता बता रहा है, वहीं भाजपा इसे विपक्ष की हताशा करार दे रही है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या राजद वास्तव में अदालत जाती है या यह मुद्दा सिर्फ राजनीतिक दबाव बनाने तक सीमित रहता है। चुनावी राजनीति में यह आम है कि हार के बाद सवाल उठते हैं, पर असली परीक्षा सबूत और कानून के दायरे में ही तय होगी।

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