जदयू मुख्यालय में मनाई गई ‘बिहार लेनिन’ अमर शहीद बाबू जगदेव प्रसाद की 102वीं जयंती

  • नीतीश कुमार ने अमर शहीद बाबू जगदेव प्रसाद के नीतियों एवं सिद्धांतों को सरजमीं पर उतारा : उमेश कुशवाहा
  • गैरबराबरी और भेदभाव के खिलाफ छिड़े आंदोलन के नायक थे बाबू जगदेव प्रसाद : उमेश कुशवाहा

पटना। आज जदयू प्रदेश कार्यालय में ‘बिहार लेनिन’ अमर शहीद बाबू जगदेव प्रसाद की 102वीं जयंती मनाई गई। वही इस मौके पर पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने बाबू जगदेव प्रसाद के तैल्यचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित की एवं उनके त्याग व संघर्ष को याद किया। इस मौके पर पार्टी के माननीय प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि बाबू जगदेव प्रसाद गैरबराबरी और भेदभाव के खिलाफ छिड़े आंदोलन के नायक थे। उन्होंने 52 साल की छोटी उम्र पाई थी, लेकिन उनका संघर्ष इतना बड़ा था, उनके उठाए सवाल इतने बड़े थे, उनके पीछे जमात इतनी बड़ी थी और उनका कद इतना बड़ा था कि वे अपनी मृत्यु के 50 साल बाद भी उसी शान से हमारे बीच मौजूद हैं और आज से 50 साल बाद भी उनका नाम लिए बगैर बिहार की राजनीति पूरी नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि ‘सौ में नब्बे शोषित हैं, शोषितों ने ललकारा है, धन-धरती और राजपाट में नब्बे भाग हमारा है’ आज से लगभग 50 साल पहले बाबू जगदेव प्रसाद का यह नारा बिहार की राजनीति का केन्द्रबिन्दु बन गया था। कुशवाहा ने आगे कहा कि जगदेव बाबू का मानना था कि संविधान के निर्माताओं ने जो लक्ष्य स्थापित किए हैं, उन्हें पाने के लिए विभिन्नता में एकता और लोकतांत्रिक व संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता होनी चाहिए। इन्हीं मूल्यों को लेकर डॉ. अम्बेडकर के सपनों को पूरा करने के लिए बाबू जगदेव प्रसाद आजीवन प्रयासरत्त रहे। साथ ही उन्होंने कहा कि बहुत सारे दल बाबू जगदेव प्रसाद के नाम पर आज अपनी राजनीतिक दुकान चला रहे हैं, लेकिन असल मायनों में माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाबू जगदेव प्रसाद की नीतियों व सिद्धांतों को सरजमीं पर उतारा है एवं उनके सपनों को पूरा करने के लिए वो रात-दिन जुटे हुए हैं।

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