एकत्रित डेटा के रजिस्ट्रेशन की अनुमति से बायो-स्टिमुलेंट उद्योग को मिलेगा बढ़ावा: एआईएम

पटना। एग्रो इनपुट्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एआईएम) ने उर्वरक नियंत्रण आदेश में बायो-स्टिमुलेंट्स को शामिल करने का स्वागत करते हुए मांग की है कि सरकार एमएसएमई को पंजीकरण प्रक्रिया के लिए एसोसिएशन द्वारा एकत्र किए गए डेटा जमा करने की अनुमति देकर उन्हें व्यवसाय जारी रखने में सक्षम बनाये।
एसोसिएशन का कहना है कि व्यक्तिगत निर्माता के लिए इस डेटा को इकठ्ठा करना मुश्किल और अलाभकारी होगा। एआईएम की मांग है कि उसके द्वारा एकत्रित किए गए डेटा को छोटे निर्माताओं द्वारा पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा करने के लिए उपयोग करने की अनुमति दी जानी चाहिए। 2019 में जारी एक अधिसूचना ने बायो-स्टिमुलेंट्स को उर्वरक नियंत्रण आदेश (एफसीओ) 1985 के दायरे में ला दिया था।
एआईएम का मानना है कि दिशानिर्देश नवाचार (इनोवेशन) को प्रोत्साहित करने वाले, उद्योग अनुकूल और लेबल क्लेम आधारित उत्पादों को बढ़ावा देने वाले होने चाहिए, जो कि किसानों की आय को दोगुना कर उन्हें समृद्ध बना सकें। वर्तमान में एसोसिएशन के पास सभी आवश्यक डेटा है, जो कि अधिसूचना के अनुसार अनुसूची 6 में बायो-स्टिमुलेंट्स को शामिल करने के लिए जरूरी है।

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