होली पर जहरीली शराब से हुई मौतों को बिहार पुलिस ने नकारा, जानिए क्या है पूरा मामला

पटना। बिहार में होली के दिन कई जिलों में अचानक लोगों की मौत होने के मामले में बिहार पुलिस ने अजीबोगरीब तर्क दिया है। पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा है कि बीमारी और अन्य वजहों से लोगों की मौत हुई है ना कि जहरीली शराब पीने की वजह से। भागलपुर, बांका, मधेपुरा, सिवान जैसे जिलों में लगभग 40 लोगों की मौत होली और इसके आसपास हो चुकी है। इन संदिग्ध मौतों के पीछे जहरीली शराब को वजह बताया जा रहा है लेकिन बिहार पुलिस इसे कतई मानने को तैयार नहीं है। पुलिस की तरफ से जो दलील दी जा रही है उसके मुताबिक स्थानीय प्रशासन ने जो रिपोर्ट दी है उसमें हार्टअटैक समेत अन्य बीमारियों की वजह से लोगों की मौत का कारण बताया गया है।

एडीजी पुलिस मुख्यालय ने जहरीली शराब से हुई मौतों को बताया अफवाह, बोले- चल रही जांच

जानकारी के मुताबिक, एडीजी पुलिस मुख्यालय ने कहा है कि भले ही मीडिया में यह खबरें आ रही हैं कि जहरीली शराब पीने की वजह से लोगों की मौत हुई है लेकिन स्थानीय प्रशासन से जो रिपोर्ट हमें प्राप्त हुई है वह इसकी पुष्टि नहीं करता है। वही कई लोगों की मौत के बारे में स्थानीय प्रशासन ने जांच की है और यह बात सामने आई है कि कुछ लोगों को हार्ट अटैक की वजह से मौत हुई। कई ऐसे लोग हैं जिनके परिजनों ने मौत के बाद पोस्टमार्टम नहीं कराया और अंतिम संस्कार भी कर दिया। ऐसे में यह बता पाना बेहद मुश्किल है कि मौत की असल वजह क्या रही। एडीजी पुलिस मुख्यालय ने कहा है कि मधेपुरा जिले में जिन लोगों की मौत हुई है वह किसी न किसी बीमारी से पीड़ित थे। इसके बावजूद मधेपुरा में सभी संदिग्ध जगहों पर मद्य निषेध विभाग और पुलिस की तरफ से संयुक्त छापेमारी की जा रही है।

अंतिम संस्कार होने से बांका में किसी भी शव का नहीं हुआ पोस्टमार्टम

भागलपुर में 17 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर के बावजूद बिहार पुलिस का कहना है कि स्थानीय प्रशासन ने केवल 4 लोगों के मौत की अधिकारिक पुष्टि की है। इसमें से दो लोगों की मौत अस्पताल में हुई है। इनका विसरा रिपोर्ट भी सुरक्षित रखा गया है और पोस्टमार्टम कराया गया है। एफएसएल की रिपोर्ट आने के बाद ही इस मामले में कुछ कहा जा सकता है। भागलपुर में एक व्यक्ति की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई है। एडीजी पुलिस मुख्यालय ने कहा है कि बांका जिले में कुल 10 लोगों की मौत 18 से लेकर 20 मार्च के बीच हुई है। अलग-अलग गांवों में हुई मौत के मामले में जब जांच कराई गई तो परिजनों ने बीमारी को मौत की वजह बताया है। बांका में किसी भी शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया जा सका है, क्योंकि सभी का अंतिम संस्कार किया जा चुका है।

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