बिहार विधानसभा में 20 अधिकारी और कर्मचारी मिले कोरोना संक्रमित तो विकास भवन में भी बढ़ा खतरा, उद्योग विभाग में 1 की मौत, हड़कंप
पटना। बिहार में कोरोना के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। वहीं बिहार सरकार के कई विभागों पर इसका असर दिख रहा है। मंगलवार को विधानसभा में 11 अधिकारी और कर्मचारी कोरोना पाजिटिव मिले थे। वहीं शुक्रवार को 20 अधिकारी और कर्मचारी कोरोना संक्रमित मिले हैं। इसके बाद विधानसभा सचिवालय को 16 से 25 अप्रैल तक के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। यह फैसला सभाध्यक्ष ने लिया है। विधानसभा में 13 से 16 अप्रैल तक जांच में 44 लोग संक्रमित पाए गए हैं। इधर, मुख्य सचिवालय के बाद अब विकास भवन सचिवालय में भी कोरोना संक्रमण का असर दिखने लगा है। उद्योग विभाग में कोरोना संक्रमण से एक कर्मी की मौत की खबर आ रही है। वहीं शिक्षा विभाग में भी दो अधिकारियों के कोरोना संक्रमित होने की खबर है।
उद्योग विभाग में एक की मौत से हड़कंप
विकास भवन स्थित उद्योग विभाग के निदेशालय के अकाउंट सेक्शन में कार्यरत 55 वर्षीय यूडीसी कर्मचारी की कोरोना से मौत हो गई है। इसी विभाग के दो निदेशक भी कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं और इसमें से एक का इलाज अस्पताल में चल रहा है। जबकि, दूसरे अपने घर में आईसोलेशन में हैं। कोरोना पॉजिटिव होने का मामला सामने आने के बाद उद्योग विभाग ने सतर्कता बरतते हुए विभाग के सभी कर्मियों और अधिकारियों के लिए कोरोना जांच कराने का निर्देश दिए हैं। साथ ही जिन कर्मचारियों और अधिकारियों में हल्के लक्षण दिख रहे हैं, उन्हें आईसोलेशन में रहने का निर्देश दिया गया है।
शिक्षा विभाग के दो अधिकारी भी पॉजिटिव
शिक्षा विभाग की एक महिला निदेशक भी कोरोना पॉजिटिव हो गई हैं। इसी विभाग के प्रवक्ता के भी कोरोना पॉजिटिव होने की खबर है। इन अधिकारियों के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद विभाग में उनके संपर्क में आये लोगों पर भी कोरोना का खतरा मंडराने लगा है। दोनों के संपर्क में आए अधिकारी और कर्मी भी अपनी जांच करवा रहे हैं।
कई विभागों पर दिख रहा असर
इससे पहले वित्त विभाग, समाज कल्याण विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय सहित कई विभागों में कर्मचारियों और अधिकारियों के कोरोना पॉजिटिव होने के मामले सामने आ चुके हैं। राजस्व व भूमि सुधार विभाग तो दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अलावा फिलहाल किसी विभाग को अभी बंद नहीं किया गया है, लेकिन सभी विभागों में कर्मचारियों और अधिकारियों की उपस्थिति बेहद कम हो चुकी है।


