भ्रष्टाचारियों के सबसे बड़े संरक्षक हैं नीतीश कुमार : संजय ठाकुर

  • बिहार के लोग नीतीश को नहीं करेंगे माफ़
  • जिस जंगल राज के खिलाफ नीतीश नेता बने उसे फिर वापस लाने में जुटे हैं

पटना। जन सुराज के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय कुमार ठाकुर ने कहा कि बिहार की राजनीति में राजद के जंगल राज व भ्रष्टाचार के खिलाफ जिस नीतीश कुमार को लोगों ने नेता बनाया था. आज़ उसी की गोद में खेल रहे नीतीश कुमार को शर्म क्यों नहीं आ रही? आज आतंक राज़ और भ्रष्टाचार के खिलाफ नीतीश कुमार की जुबान बंद क्यों है? क्या यह सत्ता लोभ की क्षुद्र राजनीति नहीं तो और क्या है? सारा देश और बिहार के लोग बखूबी जानते हैं कि राजद सुप्रीमो भ्रष्टाचार की सजा काट रहे हैं और अभी कल ही उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत उनके कई परिजनों को जमीन के बदले नौकरी मामले में आरोपित किया है, फिर भी नीतीश बाबू चुप्पी साधे हुए हैं। कहां चली गई उनकी नैतिकता और ईमानदारी? क्या यह बिहार की जनता और तब के उनके करोड़ों समर्थकों के साथ धोखाधड़ी नहीं है? बिहार के लोग अब यह जान गए हैं कि पिछले 32 वर्षों से बड़े भाई-छोटे भाई की सरकार और अब चाचा-भतीजे की सरकार ने बिहार को रसातल में पहुंचा दिया है और रही-सही कसर मौजूदा सरकार पूरी कर रही है। बिहार को इन्हीं नेताओं ने देश का सबसे गरीब, अशिक्षित और बेरोज़गारी वाला राज्य बना दिया है। ढ़ाई करोड़ से ज्यादा बिहारी पलायन कर दूसरे प्रदेशों में रोज़ी रोटी के लिए चले गये है। जहां, गालियां सुनने व अपमानित होने को मजबूर हैं। बिहार के 60 प्रतिशत लोग भूमिहीन है और ग़रीबी रेखा से नीचे जीवन जीने को मजबूर हैं। बिहार के खजाने को लूटने वाले इन नेताओं ने कभी झोपड़ियों में जिन्दगी गुजार रहे लोगों की चिंता नहीं की।

उल्टे उन्हें अशिक्षित और गरीब बनाए रखा। प्रधानमंत्री का दिवास्वप्न देख रहे नीतीश कुमार की कलई खुल गई है और वे अब सीएम के लायक भी नहीं रहे। ठाकुर ने सवाल उठाया है कि ईमानदारी व नैतिकता की बात करने वाले JDU के अन्य नेता चुप क्यों हैं? भीष्म पितामह बने बैठे ये जदयू के नेतागण द्रौपदी का चीरहरण करा कर तालियां बजा रहे हैं। जन सुराज के प्रणेता प्रशांत किशोर जी बार-बार कहते रहे हैं कि नीतीश कुमार न तो इण्डिया गठबंधन के संयोजक बनाए जाएंगे और ना ही इन्हें पीएम उम्मीदवार घोषित किया जाएगा। प्रशांत किशोर ने यह भी भविष्य वाणी कर रखी है कि आगामी लोकसभा चुनाव में 5 सीट भी नहीं जीत सकतीं है JDU वल्कि संसदीय चुनाव के बाद जदयू विखण्डित हो जाएगी। फिर भी जदयू के नेतागण बड़बोलापन के शिकार हैं। बार-बार नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बता कर आत्ममुग्ध हो रहे हैं। बिहार अब करवट ले रहा है और प्रशांत किशोर के नेतृत्व में जन सुराज जनता के दिलों में जगह बना रहा है।

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