January 1, 2026

बिहार में राशन कार्ड सेवा में होगा बड़ा बदलाव, 14 किलो गेहूं और 21 किलो मिलेगा चावल, नए साल से लागू होगा नियम

पटना। बिहार सरकार ने राज्य के गरीब और अंत्योदय परिवारों को मिलने वाले सरकारी राशन की व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव का फैसला लिया है। यह बदलाव जनवरी 2026 से लागू किया जाएगा और अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा। सरकार का उद्देश्य है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाले खाद्यान्न को अधिक संतुलित और पोषण के लिहाज से उपयोगी बनाया जाए। इसी लक्ष्य के तहत चावल और गेहूं के वितरण के अनुपात में परिवर्तन किया गया है, ताकि लाभुक परिवारों को दोनों अनाज पर्याप्त मात्रा में मिल सकें।
नया अनुपात क्या होगा
खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार अब राशन दुकानों पर चावल और गेहूं का वितरण 2:3 के अनुपात में किया जाएगा। इसका अर्थ यह है कि कुल मिलने वाले खाद्यान्न में दो भाग गेहूं और तीन भाग चावल शामिल होंगे। यह व्यवस्था अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिक राशन कार्ड धारकों, दोनों पर लागू होगी। नए नियम के तहत लाभुकों को हर महीने तय मात्रा में दोनों अनाज निशुल्क दिए जाएंगे।
पहले की व्यवस्था कैसी थी
अब तक बिहार में राशन वितरण का अनुपात अलग था। पहले चावल और गेहूं का वितरण चार-से-तीन के अनुपात में किया जाता था। इसका सीधा अर्थ यह था कि चावल की मात्रा अधिक और गेहूं की मात्रा अपेक्षाकृत कम होती थी। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी परिवार को प्रतिमाह 35 किलोग्राम खाद्यान्न मिलता था, तो उसमें 28 किलोग्राम चावल और केवल 7 किलोग्राम गेहूं दिया जाता था। इस व्यवस्था को लेकर लंबे समय से यह बात सामने आ रही थी कि गेहूं की मात्रा कम होने के कारण कई परिवारों को संतुलित आहार नहीं मिल पा रहा है।
नए नियम के तहत कितना राशन मिलेगा
नए अनुपात को सरल भाषा में समझें तो जिन परिवारों को प्रतिमाह 35 किलोग्राम खाद्यान्न मिलता है, उन्हें अब 14 किलोग्राम गेहूं और 21 किलोग्राम चावल मिलेगा। यानी गेहूं की मात्रा पहले की तुलना में दोगुनी हो जाएगी, जबकि चावल की मात्रा कुछ कम की गई है। इसी तरह प्राथमिक राशन कार्ड धारकों के लिए भी वितरण में बदलाव किया गया है। अब प्रति व्यक्ति हर माह दो किलोग्राम गेहूं और तीन किलोग्राम चावल दिया जाएगा, जिससे कुल पांच किलोग्राम खाद्यान्न मिलेगा।
गृहस्थी राशन कार्ड धारकों के लिए व्यवस्था
गृहस्थी राशन कार्ड धारकों को भी नए नियमों के तहत लाभ मिलेगा। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, प्रत्येक लाभुक को प्रति माह कुल पांच किलोग्राम खाद्यान्न निशुल्क दिया जाएगा, जिसमें दो किलोग्राम गेहूं और तीन किलोग्राम चावल शामिल होगा। परिवार में जितने सदस्य होंगे, उसी आधार पर कुल खाद्यान्न का आवंटन तय किया जाएगा। इस व्यवस्था से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि परिवार के हर सदस्य तक समान रूप से खाद्यान्न पहुंचे।
सरकार का उद्देश्य और तर्क
सरकार का कहना है कि इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य गरीब और वंचित परिवारों तक पोषक खाद्यान्न की बेहतर आपूर्ति सुनिश्चित करना है। गेहूं और चावल दोनों का संतुलित वितरण होने से भोजन की गुणवत्ता में सुधार होगा। कई इलाकों में लोगों की भोजन संबंधी आदतें गेहूं और चावल दोनों पर निर्भर हैं, ऐसे में एक ही अनाज पर अधिक निर्भरता कम होगी। साथ ही, यह कदम खाद्य सुरक्षा को और मजबूत करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
राशन दुकानदारों और अधिकारियों को निर्देश
खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने इस नए वितरण अनुपात को लेकर राशन दुकानदारों और संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। कहा गया है कि जनवरी 2026 से इस व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जाए। वितरण में किसी भी तरह की लापरवाही, अनियमितता या गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने यह भी कहा है कि समय पर राशन वितरण सुनिश्चित करना प्रशासन और डीलरों की जिम्मेदारी होगी।
लाभुकों पर क्या पड़ेगा असर
इस बदलाव का सीधा असर राज्य के लाखों राशन कार्ड धारकों पर पड़ेगा। गेहूं की बढ़ी हुई मात्रा से परिवारों को भोजन के अधिक विकल्प मिलेंगे। कई गरीब परिवार, जो अब तक गेहूं कम मिलने के कारण बाजार से खरीदने को मजबूर थे, उन्हें राहत मिलेगी। वहीं चावल की मात्रा थोड़ी कम होने के बावजूद कुल खाद्यान्न की मात्रा में कोई कटौती नहीं की गई है, जिससे किसी तरह की कमी महसूस नहीं होगी। बिहार सरकार द्वारा राशन वितरण प्रणाली में किया गया यह बदलाव गरीब और अंत्योदय परिवारों के हित में एक अहम कदम माना जा रहा है। चावल और गेहूं के नए अनुपात से खाद्यान्न का वितरण अधिक संतुलित होगा और पोषण के स्तर में सुधार आएगा। जनवरी 2026 से लागू होने वाला यह नियम सार्वजनिक वितरण प्रणाली को और प्रभावी बनाने की दिशा में सरकार की गंभीरता को दर्शाता है। यदि इसे सही ढंग से लागू किया गया, तो यह योजना राज्य के लाखों जरूरतमंद परिवारों के लिए राहत का माध्यम बनेगी।

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