राजस्थान के मुख्यमंत्री का हुआ ऐलान: भजनलाल शर्मा होंगे नए सीएम, विधायक दल की बैठक में हुआ फैसला

जयपुर। राजस्थान के नए मुख्यमंत्री का ऐलान हो गया है। सांगानेर से विधायक भजनलाल शर्मा को विधायक दल का नेता चुना गया है। प्रदेश कार्यालय में हुई विधायक दल की बैठक में भाजपा हाईकमान द्वारा तय किए गए नाम का ऐलान किया गया और उस नाम पर सभी की सहमति बन गई। नए मुख्यमंत्री के नाम का प्रस्ताव वसुंधरा राजे ने ही रखा। बैठक से पहले राजनाथ सिंह ने भाजपा के सभी वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। जानकारी के मुताबिक राजनाथ सिंह ने वसुंधरा राजे को बैठक से पहले ही नए मुख्यमंत्री का नाम प्रस्तावित करने के लिए मना लिया था। जल्द ही उपमुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष के नाम की भी घोषणा हो सकती है। प्रदेश मुख्यालय में बैठक से पहले राजनाथ के साथ सभी विधायकों का ग्रुप फोटो सेशन हुआ है। फोटो सेशन के दौरान वसुंधरा राजे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बिल्कुल बगल में बैठे थे। बैठक में राजनाथ सिंह का साफा पहनाकर स्वागत किया गया। राजनाथ सिंह नए मुख्यमंत्री का नाम लेकर आए। बैठक से पहले उन्हाने होटल में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से वन-टु-वन बातचीत की। दोनों के बीच करीब 10 मिनट तक बातचीत चली। इसके बाद सभी नेताओं के बीच भी कुछ देर चर्चा हुई। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी की दिल्ली में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उनके बंगले पर कमांडो तैनात किए गए हैं। वे कुछ देर में विशेष विमान से जयपुर पहुंच सकते हैं। हालांकि अभी तक कोई भी केंद्रीय मंत्री प्रदेश कार्यालय नहीं पहुंचा है। प्रदेश कार्यालय के जिस हॉल में विधायक दल की बैठक होगी, उसके मंच पर लगाए गए पोस्टर से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का चेहरा गायब है। पोस्टर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के ही पोस्टर हैं। विधायक डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने कहा- ‘फैसला जो भी होगा, वसुंधरा राजे अनुशासन में बंधी रहेंगी। उन्हें भी कई सीनियर नेताओं को बायपास करके सीएम बनाया गया था। कोई असंतोष नहीं होगा।’ विधायक दल की बैठक के लिए बीजेपी  के नवनिर्वाचित 115 विधायकों को BJP कार्यालय पहुंचने के लिए कहा गया था। यहां 3 बजे तक सभी विधायकों का रजिस्ट्रेशन और लंच का कार्यक्रम रखा गया। प्रदेश कार्यालय में विधायकों के अलावा प्रदेश पदाधिकारियों और व्यवस्थाओं में लगे नेताओं को ही एंट्री मिली। इसके अलावा किसी ओर को एंट्री नहीं दी गई। विधायकों का सुरक्षाकर्मियों और उनके स्टाफ को भी प्रदेश कार्यालय में नहीं लाने के निर्देश दिए गए थे।

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