दिवाली से पहले खराब हुई हवा; कई जिलों में कोहरा, तेजी से बदला तापमान

पटना। बिहार में दिवाली से पहले मौसम में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है। अगले दो से तीन दिनों तक राज्य में मौसम शुष्क बना रहेगा, लेकिन इस दौरान तापमान में विशेष बदलाव की संभावना नहीं है। सुबह के समय राज्य के कई जिलों में आद्रता (ह्यूमिडिटी) अधिक होने के कारण कोहरे की स्थिति बनी रहेगी। खासकर, पटना समेत कई जिलों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के बिगड़ने की खबर सामने आ रही है। पटना का एक्यूआई 219, हाजीपुर का 259 और कटिहार का 206 दर्ज किया गया है, जो खराब श्रेणी में आता है।
वायु गुणवत्ता और बढ़ता प्रदूषण
दीवाली से पहले हवा की गुणवत्ता में गिरावट चिंता का विषय बन गई है। पटना, हाजीपुर, कटिहार और अन्य जिलों में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, बढ़ता वायु प्रदूषण फसलों के अवशेष जलाने, निर्माण कार्यों और वाहनों के बढ़ते धुएं का परिणाम हो सकता है। ऐसे में दिवाली के दौरान पटाखों के जलने से स्थिति और बिगड़ सकती है। एक्यूआई के अनुसार, 200 से 300 के बीच का स्तर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है, विशेष रूप से संवेदनशील समूहों के लिए।
मौसम में बदलाव और कोहरे का असर
राज्य के कई जिलों में आद्रता बढ़ने से सुबह के समय घना कोहरा छाया हुआ है, जिससे दृश्यता में कमी आ रही है। मौसम विभाग पटना के अनुसार, उत्तर पूर्वी असम के आसपास समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर एक चक्रवर्ती वायु परिसंचरण बन गया है, जिसके कारण बिहार के उत्तर पूर्वी भागों में बादल छाए रहेंगे। हालांकि, बारिश की संभावना नहीं है, लेकिन आद्रता के कारण कोहरा बने रहने की संभावना जताई जा रही है।
तापमान में गिरावट और ठंड की भविष्यवाणी
पिछले 24 घंटे में बिहार में मौसम शुष्क बना रहा, और राज्य के विभिन्न जिलों में हल्के बादल छाए रहे। हवा की दिशा पश्चिम की ओर बनी हुई है, और अधिकतम तापमान 31 से 34 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 20 से 24 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहा। यह मौसम परिवर्तन दिवाली के मौसम में ठंडक लाने के संकेत दे रहा है, लेकिन ठंड की तीव्रता को लेकर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, प्रदेश में ठंड की तीव्रता पश्चिमी विक्षोभ पर निर्भर करती है। पिछले साल दिसंबर तक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं हुआ था, जिसके कारण दिसंबर में ठंड सामान्य रही थी। अब इस बार भी ठंड का अनुमान पश्चिमी विक्षोभ की गतिविधियों पर आधारित होगा। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि पश्चिमी विक्षोभ के देर से सक्रिय होने पर ठंड में कमी हो सकती है, जबकि इसके समय पर और तीव्र सक्रियता से ठंड ज्यादा हो सकती है।
पश्चिमी विक्षोभ और ठंड की स्थिति
पश्चिमी विक्षोभ का असर बिहार के मौसम पर अहम भूमिका निभाता है। पिछले साल जब दिसंबर तक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं हुआ था, तो ठंड का असर कम रहा। अब इस साल ठंड कैसी पड़ेगी, इस पर भी मौसम वैज्ञानिकों की नजर पश्चिमी विक्षोभ के पूर्वानुमान पर है। यदि विक्षोभ समय पर सक्रिय हो जाता है, तो राज्य में ठंड जल्दी शुरू हो सकती है और ज्यादा तीव्रता से पड़ सकती है।
प्रदूषण और स्वास्थ्य पर असर
बिहार के विभिन्न जिलों में बिगड़ती हवा की गुणवत्ता का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। डॉक्टरों का मानना है कि खराब वायु गुणवत्ता के चलते सांस और फेफड़ों की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों के लिए। पटना जैसे प्रमुख शहरों में एक्यूआई का स्तर बढ़ने से लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। विशेषज्ञों ने खासतौर पर सुबह और शाम के समय बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है, जब प्रदूषण का स्तर अधिक होता है।
सरकारी प्रयास और नागरिकों की भूमिका
वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जैसे कि फसल अवशेष जलाने पर प्रतिबंध और वाहनों के उत्सर्जन को नियंत्रित करना। लेकिन इसके साथ ही नागरिकों की भी भूमिका अहम हो जाती है। दिवाली के दौरान पटाखों का कम से कम इस्तेमाल करके प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सकता है। साथ ही, पेड़-पौधों को बढ़ावा देना और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना भी प्रदूषण के नियंत्रण में मददगार साबित हो सकता है। दिवाली से पहले बिहार में मौसम और वायु गुणवत्ता में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है। जहां एक ओर ठंड की दस्तक से लोग राहत महसूस कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बढ़ता वायु प्रदूषण चिंता का विषय बना हुआ है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में ठंड बढ़ने और वायु गुणवत्ता में और गिरावट की आशंका जताई है। ऐसे में यह आवश्यक है कि सरकार और नागरिक मिलकर प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्रयास करें ताकि स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण बना रहे।

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