पशुधन ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़, संवर्धन और संरक्षण के होंगे बेहतर प्रयास : उपमुख्यमंत्री

  • बामेती के सभागार में विश्व पशु चिकित्सा दिवस पर आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन

पटना। विश्व पशु चिकित्सा दिवस के अवसर पर बामेती के सभागार में शनिवार को स्ट्रैंथनिंग वेटरनरी रेजिलेंस विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि पशुधन ग्रामीण अर्थतंत्र की रीढ है। पशुधन विकास के कार्यक्रमों की सफलता और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती में वेटरनरी चिकित्सकों की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि पशुधन के संवर्धन और संरक्षण के बेहतर प्रयास किए जाएंगे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वैश्विक चुनौती के दौरान जब उद्योग धंधे ठप पड़ गए थे, वैसे समय में पशुपालन और मत्स्य पालन के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती और गतिशीलता प्रदान की। उन्होंने कहा कि पशुधन विकास के कार्यक्रमों से हमारा ग्रामीण समाज स्वावलंबी भी बनता है। उन्होंने कहा कि पशुओं और वृक्षों का संवर्धन एवं संरक्षण हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति का हिस्सा रही है। कई देवी-देवताओं के वाहन कोई न कोई पशु रहे हैं, जो पशुधन के महत्व को प्रतिबिंबित करता है।
उन्होंने कहा कि बिहार वेटरनरी विश्वविद्यालय के आधारभूत संरचना के निर्माण की कार्यवाही भी चल रही है, शीघ्र ही इस दिशा में प्रगति परिलक्षित होगी। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर बिहार सात निश्चय पार्ट-2 के तहत पशुपालकों, मत्स्य पालकों के जीवन में खुशहाली एवं समृद्धि के ठोस इंतजाम सुनिश्चित किए जा रहे हैं।
उन्होंने वेटरनरी चिकित्सकों का आह्वान करते हुए कहा कि आज का यह कार्यक्रम वेटरनरी के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए गौरव का दिन है। बदलते परिवेश में सभी पशु चिकित्सक ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण हेतु सकारात्मक प्रयास करें। सभी पशुपालकों, मत्स्य पालकों और दुग्ध उत्पादकों के जीवन में खुशहाली और समृद्धि के लिए विभाग के सभी कार्यक्रमों और योजनाओं को पात्र लाभार्थियों तक ले जाएं। उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक में पशुपालन, बकरी पालन, मत्स्य पालन के लिए प्रावधानित किसान क्रेडिट कार्ड के तहत नाबार्ड द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को समय पर पूरा करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने इस अवसर पर सभी वेटनरी चिकित्सकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय के तहत शुरू की गई योजनाओं को पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अधिकारी तत्परता के साथ पूर्ण करें और आने वाले दिनों में पशुधन विकास की चुनौतियां का सफलतापूर्वक मुकाबला करते हुए बेहतर बिहार बनाने के संकल्प को पूरा करने में सक्रिय योगदान दें।
उक्त मौके पर पशुपालन निदेशक विनोद सिंह गुंजियाल, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के विशेष सचिव केशवेन्द्र कुमार, संयुक्त निदेशक डॉ. प्रवीण कुमार पाठक, पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान के निदेशक डॉ. सुनील कुमार वर्मा, बिहार पशु चिकित्सा संघ के अध्यक्ष रामचंद्र पासवान, प्रधान महासचिव डॉ. विनोद कुमार गुप्ता, कोषाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र प्रसाद सहित काफी संख्या में वेटरनरी चिकित्सक एवं संघ के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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