बेतिया में बालू माफियाओं का दरोगा पर तलवार से हमला, आरोपी को छुड़ाया, अस्पताल में भर्ती
बेतिया। बिहार में शराब माफिया, बालू माफिया, और अन्य बदमाश अक्सर पुलिस पर हमला करते रहते हैं। ताजा मामला पश्चिम चंपारण के बेतिया से आया है, जहां खनन माफियाओं ने आतंक मचा रखा है। बेतिया के मटियारिया के हौदा डुमरा गांव के नया टोला में बालू खनन माफियाओं को पकड़ने के दौरान गुंडा तत्वों ने पुलिस टीम पर तलवार से हमला कर दिया। हमलावरों ने एक दारोगा की अंगुलियां काट दीं और गिरफ्तार आरोपी अफरोज को छुड़ा लिया। घायल दारोगा का एक निजी नर्सिंग होम में इलाज चल रहा है। पुलिस ने इलाके में दबिश बढ़ा दी है, लेकिन आरोपी इलाका छोड़कर फरार हो गए हैं। नरकटियागंज के एसडीपीओ जयप्रकाश सिंह ने बताया कि शनिवार की सुबह पुलिस टीम पर हुए हमले के मामले में कार्रवाई करने के लिए पुलिस की संयुक्त टीम हौदा डुमरा गई थी। इसी दौरान यह घटना घटी। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था और कार्रवाई कर रही थी, तभी माफियाओं के गुर्गों ने हमला कर दिया। इस घटना में मटियारिया थाना के दारोगा के हाथ की दो अंगुलियाँ कट गई हैं। उन्हें देर रात नगर के एक निजी नर्सिंग होम में इलाज के बाद शनिवार की सुबह जीएमसीएच भेज दिया गया। इस घटना में कुछ अन्य पुलिस कर्मियों के भी ज़ख़्मी होने की सूचना है। हमले में शामिल चार अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। शनिवार की सुबह तीन बजे पुलिस की टीम नदी से बालू खनन करके वापस जा रहे एक ट्रैक्टर ट्रेलर का पीछा करते हुए नवका टोला पिपरा पहुँची। वहाँ पर बालू माफियाओं ने टीम पर हमला बोल दिया, जिसमें दो पुलिसकर्मी शंभु खतईत और शंभु प्रसाद यादव गंभीर रूप से जख्मी हो गए। इस मामले में थानाध्यक्ष अंकित कुमार दास ने एफआईआर दर्ज कर घटना के वीडियो फुटेज से आरोपियों की पहचान की। उसके बाद देर रात गिरफ्तारी के लिए छापेमारी हुई, तो तलवार से हमला बोल दिया गया। पुलिस दल पर हुए हमले को लेकर बालू तस्कर कलाम अंसारी, उसके भाई सलाम अंसारी, अफरोज अंसारी सहित चार मुख्य और दो दर्जन से अधिक अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है। इस हमले के बाद पुलिस ने इलाके में दबिश बढ़ा दी है और आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा और उन्हें सख्त सजा दी जाएगी। इस घटना ने राज्य में कानून व्यवस्था की गंभीर स्थिति को उजागर कर दिया है, जिससे राज्य प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं।


