December 31, 2025

बिहार में बालू के अवैध खनन पर प्रहार: 400 अतिरिक्त पुलिस बल्कि होगी तैनाती, गृह विभाग को भेजा गया प्रस्ताव

पटना। बिहार में लंबे समय से अवैध बालू खनन, भंडारण और परिवहन एक बड़ी समस्या बना हुआ है। नदियों से अवैध तरीके से बालू निकालने के कारण न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि सरकार को राजस्व की भारी क्षति भी हो रही है। कई जिलों में बालू माफिया का नेटवर्क सक्रिय है, जो नियमों को ताक पर रखकर अवैध कारोबार को अंजाम देता है। इसी स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने अब इस पर निर्णायक कार्रवाई की दिशा में ठोस कदम उठाने का संकेत दिया है।
400 अतिरिक्त पुलिस बल तैनाती का प्रस्ताव
अवैध बालू खनन पर प्रभावी रोक लगाने के लिए खान एवं भूतत्व विभाग ने गृह विभाग को 400 अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती का प्रस्ताव भेजा है। यह प्रस्ताव उपमुख्यमंत्री एवं खान-भूतत्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में हुई विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान सामने आया। मंत्री ने स्पष्ट किया कि अब बालू माफिया के खिलाफ किसी भी तरह की नरमी नहीं बरती जाएगी और कानून का सख्ती से पालन कराया जाएगा। अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती से संवेदनशील इलाकों में निगरानी और कार्रवाई दोनों को मजबूती मिलने की उम्मीद है।
समीक्षा बैठक में सख्त निर्देश
विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने अधिकारियों को कई अहम निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अवैध भंडारण और परिवहन के खिलाफ छापेमारी की कार्रवाई लगातार जारी रहनी चाहिए। इसके साथ ही राजस्व संग्रह की गति बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया। मंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि तीन दिनों के भीतर निर्धारित राजस्व लक्ष्य हर हाल में पूरा किया जाए। यदि कोई अधिकारी इस लक्ष्य को पूरा करने में विफल रहता है, तो उसकी जवाबदेही तय की जाएगी और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
संवेदनशील इलाकों पर विशेष निगरानी
बैठक में यह भी तय किया गया कि संवेदनशील बालू घाटों और सीमावर्ती क्षेत्रों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। बिना नंबर प्लेट, फर्जी नंबर प्लेट या ओवरलोडेड वाहनों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, खान विभाग और पुलिस के बीच समन्वय को और मजबूत करने पर जोर दिया गया, ताकि संयुक्त कार्रवाई के जरिए अवैध गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया जा सके।
पिछड़े जिलों की अलग समीक्षा
मंत्री ने बताया कि कुछ जिले ऐसे हैं, जो राजस्व संग्रह के लक्ष्य से पीछे चल रहे हैं। विशेष रूप से पटना, रोहतास, औरंगाबाद और गया जिलों का नाम सामने आया है। इन जिलों की स्थिति की अलग से समीक्षा करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए निदेशक स्तर पर विशेष बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें बालू माफिया की गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए ठोस और व्यावहारिक रणनीति तैयार की जाएगी। इन्हीं जिलों सहित अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती का प्रस्ताव भेजा गया है।
तकनीकी उपाय और पारदर्शिता
अवैध बालू परिवहन पर नजर रखने के लिए तकनीकी उपायों को भी मजबूत किया जा रहा है। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बालू घाटों तक जाने वाले प्रमुख मार्गों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इससे अवैध परिवहन पर नजर रखना आसान होगा और साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जा सकेगी। इसके अलावा, जिन बालू घाटों की अब तक नीलामी नहीं हो सकी है, उनकी नीलामी प्रक्रिया को प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया गया।
जब्त बालू और राजस्व संरक्षण
सरकार ने यह भी सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है कि जब्त किए गए बालू का 15 दिनों के भीतर निष्पादन किया जाए। इससे एक ओर राजस्व की हानि को रोका जा सकेगा, वहीं दूसरी ओर पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहेगी। लंबे समय तक जब्त बालू का निस्तारण नहीं होने से अव्यवस्था और भ्रष्टाचार की आशंका रहती है, जिसे खत्म करने की दिशा में यह कदम अहम माना जा रहा है।
श्रमिकों के हितों पर भी ध्यान
बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि बालू घाटों पर काम करने वाले श्रमिकों और कर्मचारियों के हितों की अनदेखी नहीं की जाएगी। इसके लिए एक समिति के गठन का निर्णय लिया गया है, जो घाटों पर कार्यरत कर्मचारियों को पहचान पत्र जारी करने की व्यवस्था करेगी। इससे श्रमिकों को वैधानिक लाभ मिल सकेंगे और अवैध रूप से काम कराने की प्रवृत्ति पर भी रोक लगेगी।
जागरूकता अभियान की तैयारी
सरकार केवल सख्ती ही नहीं, बल्कि जागरूकता पर भी जोर दे रही है। इसी क्रम में 29 दिसंबर से 16 जनवरी तक विशेष जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों के माध्यम से लाइसेंसधारकों, ट्रांसपोर्टरों और आम लोगों को बालू खनन, भंडारण और परिवहन से जुड़े नियमों की जानकारी दी जाएगी। मंत्री ने कहा कि जागरूकता और सख्ती दोनों के जरिए ही अवैध बालू खनन पर स्थायी नियंत्रण संभव है। बिहार सरकार ने साफ संकेत दे दिया है कि अवैध बालू खनन, भंडारण और परिवहन के खिलाफ अब निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी। 400 अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती, तकनीकी निगरानी, सख्त प्रशासनिक निर्देश और अधिकारियों की जवाबदेही तय कर सरकार इस समस्या पर कड़ा प्रहार करने की तैयारी में है। यदि ये कदम जमीन पर प्रभावी ढंग से लागू होते हैं, तो न केवल अवैध गतिविधियों पर लगाम लगेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और राजस्व वृद्धि की दिशा में भी राज्य को बड़ा लाभ मिल सकता है।

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