पटना में एटीएम कार्ड गैंग सक्रिय: कई लोगों से की ठगी, एटीएम में मदद के बहाने बनाते हैं शिकार
- एक सप्ताह में तीन से अधिक घटनाएँ, 35 हजार से लेकर 1.43 लाख तक उड़ाए; कार्ड फंसाने और नकली कस्टमर केयर नंबर से देते हैं धोखा
पटना। राजधानी पटना में एटीएम कार्ड फंसाकर ग्राहकों के खातों से पैसे उड़ाने वाला ठग गिरोह तेजी से सक्रिय हो गया है। शहर के कई इलाकों में पिछले एक सप्ताह के भीतर ऐसी तीन से अधिक घटनाएँ दर्ज की गई हैं, जिनमें पीड़ितों के खातों से 35 हजार रुपये से लेकर 1.43 लाख रुपये तक की अवैध निकासी की जा चुकी है। पुलिस इस गिरोह की तलाश में जुटी है, लेकिन नेटवर्क अभी तक गिरफ्त में नहीं आ सका है। सूत्रों के अनुसार, यह गिरोह खासतौर पर उन एटीएम बूथों को टारगेट करता है जिनमें सुरक्षा गार्ड की तैनाती नहीं होती। गिरोह के सदस्य पहले ऐसे एटीएम की रेकी करते हैं, फिर एटीएम मशीन के कार्ड स्लॉट में पतली प्लास्टिक या कार्डबोर्ड का टुकड़ा फंसा देते हैं ताकि ग्राहक का कार्ड अंदर जाकर अटक जाए। इसके बाद वे मशीन के अंदर या गेट के पास कार्डबोर्ड पर अपना मोबाइल नंबर लिखकर उसे “कस्टमर केयर” नंबर बता देते हैं। जैसे ही कोई ग्राहक कार्ड डालता है और कार्ड फंस जाता है, वह घबराकर उस नंबर पर कॉल कर देता है। बदमाश फोन पर उसे विश्वास में लेकर मशीन रीसेट या पास के बूथ से “गार्ड बुलाने” का झांसा देते हैं। इस दौरान ठग ग्राहक के पिन कोड पर नजर रख लेते हैं और जैसे ही ग्राहक बूथ से बाहर जाता है, उसके खाते से पैसे निकालकर फरार हो जाते हैं। राजीव नगर रोड नंबर 24 के फिरोज अहमद एसबीआई एटीएम से पैसे निकालने पहुंचे थे। जैसे ही कार्ड मशीन में डाला, वह फंस गया। उन्होंने मशीन पर चिपके “कस्टमर केयर” नंबर पर कॉल किया। कॉल उठाने वाले व्यक्ति ने उन्हें पास के एटीएम बूथ से गार्ड बुलाने भेज दिया। जब तक वे वापस आए, ठग उनके खाते से 40 हजार रुपये निकाल चुके थे। चंदेश्वर प्रसाद पैसे निकाल रहे थे कि कार्ड अचानक फंस गया। तभी दो युवक “मदद” के बहाने वहां पहुंचे और उनका असली कार्ड निकालकर उन्हें दूसरा कार्ड थमा दिया। पीड़ित को शक भी नहीं हुआ। इसी बीच उनके खाते से 90 हजार रुपये उड़ा लिए गए। आरती देवी का कार्ड भी मशीन में फंस गया। उन्होंने वहां लिखे नंबर पर फोन किया और ठगों ने उन्हें गार्ड बुलाने भेज दिया। लौटकर आईं तो उनके खाते से 35 हजार रुपये निकाले जा चुके थे। शहर के विभिन्न थानों में ऐसे दर्जनों मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस का कहना है कि यह एक संगठित गिरोह है जो एटीएम की गतिविधियों पर पहले से नजर रखता है और कई स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे खराब पाए गए हैं, जबकि कुछ जगह उनके साथ छेड़छाड़ भी की गई है, जिससे जांच और कठिन हो गई है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ठगों की गतिविधियों को देखते हुए यह स्पष्ट है कि वे तकनीकी समझ रखते हैं और टीम बनाकर काम करते हैं। कई पीड़ितों का कहना है कि एटीएम बूथों पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत न होने के कारण वे आसानी से शिकंजे में फंस जाते हैं। इस बीच पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी स्थिति में एटीएम बूथ के भीतर मौजूद किसी अनजान व्यक्ति पर भरोसा न करें। कार्ड फंसने पर कभी भी मशीन पर लिखे किसी नंबर पर कॉल न करें, बल्कि सीधे बैंक की आधिकारिक हेल्पलाइन पर संपर्क करें। पटना में गिरोह की बढ़ती सक्रियता ने बैंकिंग सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि पुलिस कब तक इस ठग नेटवर्क को पकड़ पाती है और लगातार हो रही ठगी की घटनाओं पर रोक लगा पाती है।


