गया में एएसआई ने की आत्महत्या, मानसिक तनाव में आकर सर्विस रिवाल्वर से खुद को मारी गोली

गया। गया पुलिस लाइन में तैनात सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) नीरज कुमार ने बुधवार देर रात अपनी सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। सुबह जब उनके साथी पुलिसकर्मियों ने लॉन में उनकी खून से सनी लाश देखी, तो पूरे पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। यह घटना कई सवाल खड़े करती है और पुलिस विभाग में कार्यरत कर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य और कार्यस्थल की परिस्थितियों पर फिर से सोचने को मजबूर कर देती है।
नीरज कुमार का परिचय और हालिया गतिविधियां
नीरज कुमार मूल रूप से लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा थाना क्षेत्र के श्रंगारपुर गांव के निवासी थे। वह पिछले डेढ़ साल से गया के मुफस्सिल थाना में तैनात थे। हाल ही में उन्होंने 39 दिन की छुट्टी काटी थी और मंगलवार को ही वापस ड्यूटी जॉइन की थी। बुधवार को उन्होंने थाने के इंस्पेक्टर से फोन पर संपर्क कर ड्यूटी देने की इच्छा जताई थी।
घटना कैसे हुई?
बुधवार की देर रात पुलिस लाइन में रहने वाले जवान एक क्रिकेट मैच देख रहे थे। मैच समाप्त होने के बाद सभी अपने-अपने बैरक में सोने चले गए। सुबह जब पुलिसकर्मी जागे, तो उन्होंने लॉन में नीरज कुमार की लाश देखी। उनके सिर में गोली लगी थी और पास में ही उनकी सर्विस रिवाल्वर पड़ी थी। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू कर दी।
पुलिस की कार्रवाई और परिवार को सूचना
घटना की जानकारी मिलते ही गया के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आनंद कुमार ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। वहीं, डीएसपी धर्मवीर भारती ने बताया कि मृतक के परिवार को सूचना दे दी गई है और वे रास्ते में हैं। परिवार के पहुंचने के बाद आगे की कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। पुलिस ने नीरज कुमार की सर्विस रिवाल्वर जब्त कर ली है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी गई है।
आत्महत्या के संभावित कारण
बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष विश्वजीत सिंह के अनुसार, नीरज कुमार विभागीय और घरेलू तनाव से गुजर रहे थे। उनके मानसिक दबाव की एक और वजह वॉलीबॉल प्रैक्टिस के दौरान हुई चोट भी हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, उनके हाथ में लगी चोट गंभीर होती जा रही थी, जिससे वह परेशान थे।
पुलिस विभाग में मानसिक स्वास्थ्य का मुद्दा
यह घटना पुलिसकर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति को उजागर करती है। पुलिस बल में काम करने वाले कर्मियों को लंबी ड्यूटी, मानसिक तनाव, पारिवारिक दबाव और नौकरी से जुड़ी कई अन्य चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कई बार इन समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जाता, जिससे वे गहरे अवसाद में चले जाते हैं।
आगे की जांच और आवश्यक कदम
फिलहाल पुलिस इस आत्महत्या के पीछे की असली वजह का पता लगाने के लिए जांच कर रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और मृतक के परिवार से बातचीत के बाद ही आत्महत्या के सही कारणों का खुलासा हो सकेगा। यह जरूरी है कि पुलिस विभाग अपने कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दे और समय-समय पर परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराए, ताकि इस तरह की दुखद घटनाओं को रोका जा सके। नीरज कुमार की आत्महत्या ने पुलिस विभाग में गहरे सदमे का माहौल बना दिया है। यह घटना एक बार फिर बताती है कि पुलिसकर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन पर ध्यान देना कितना जरूरी है।
