दिग्गज भारतीय स्पिनर अश्विन ने आईपीएल से लिया संन्यास, सोशल मीडिया से घोषणा, विदेशी लीग में रखेंगे कदम
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट की दुनिया में रविचंद्रन अश्विन का नाम सिर्फ एक बेहतरीन स्पिनर के तौर पर नहीं, बल्कि एक रणनीतिक सोच रखने वाले खिलाड़ी के रूप में भी लिया जाता है। अश्विन ने बुधवार को सोशल मीडिया पर ट्वीट कर यह घोषणा कर दी कि अब वह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में नहीं खेलेंगे। इस खबर ने क्रिकेट प्रशंसकों को चौंका दिया, क्योंकि जिस लीग ने उन्हें नई पहचान दी, वहीं से उन्होंने विदाई ले ली है। अश्विन पिछले सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के लिए खेले थे, जिन्हें नीलामी में 9.75 करोड़ रुपये में खरीदा गया था। हालांकि मैदान पर उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा, जिससे उनकी टीम में जगह को लेकर सवाल उठ रहे थे। चर्चा थी कि सीएसके उन्हें रिलीज भी कर सकती है, और इसी मुद्दे पर उन्होंने फ्रेंचाइजी से खुलकर बात की थी। यह भी साफ हो गया था कि अश्विन और सीएसके मैनेजमेंट के बीच सबकुछ सामान्य नहीं चल रहा। शायद यही कारण रहा कि उन्होंने संन्यास का फैसला लेते हुए सबको चौंका दिया। दिलचस्प बात यह है कि अश्विन ने अपना आईपीएल सफर भी चेन्नई सुपर किंग्स से ही शुरू किया था, और अब उसी फ्रेंचाइजी के साथ रहते हुए आखिरकार उन्होंने इस लीग को अलविदा कहा। इस फैसले ने उस मोड़ को याद दिला दिया जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान अचानक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया था।हालांकि आईपीएल से दूरी बनाने का मतलब यह नहीं है कि अश्विन अब क्रिकेट छोड़ रहे हैं। अपने संदेश में उन्होंने साफ लिखा कि वह दुनियाभर की अन्य लीग्स में खेलते रहेंगे और नए अनुभव हासिल करने के लिए उत्साहित हैं। इसका सीधा मतलब है कि अश्विन हमें तमिलनाडु प्रीमियर लीग और अन्य विदेशी टी-20 टूर्नामेंट्स में नजर आ सकते हैं। अश्विन का आईपीएल करियर बेहद शानदार और लंबा रहा। उन्होंने कुल 220 मुकाबले खेले, जिनमें 187 विकेट झटके। उनका इकोनॉमी रेट 7.2 पर रहा, जो टी-20 जैसे छोटे फॉर्मेट में काफी प्रभावशाली माना जाता है। कई अवसरों पर उन्होंने अपने दम पर मैच का रुख बदल दिया। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 34 रन देकर चार विकेट लेना रहा। बैटिंग में भी उन्होंने 833 रन बनाए और एक अर्धशतक उनके नाम दर्ज है। इससे साफ है कि वह केवल गेंदबाज नहीं, बल्कि ऑलराउंड क्षमता वाले खिलाड़ी भी थे। सीएसके के अलावा अश्विन ने राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स, पंजाब किंग्स, दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स जैसी टीमों का भी प्रतिनिधित्व किया। खास बात यह भी रही कि उन्होंने पंजाब किंग्स की कप्तानी करते हुए अपनी नेतृत्व क्षमता का भी परिचय दिया। कुल मिलाकर, अश्विन का आईपीएल से संन्यास लेना उस युग का अंत है जिसने भारतीय क्रिकेट को एक नई दिशा दी थी। वह सिर्फ विकेट लेने वाले गेंदबाज नहीं रहे, बल्कि आईपीएल की रणनीतियों को समझने और बदलने वाले कुछ गिने-चुने खिलाड़ियों में से थे। अब क्रिकेटप्रेमियों के लिए यह उत्सुकता होगी कि अश्विन विदेशी लीग्स और घरेलू प्रतियोगिताओं में अपने अगले अध्याय को कैसे लिखते हैं।


