पटना जंक्शन से पुलिस ने तीन चोरों को किया गिरफ्तार, तीन मोबाइल फोन बरामद, गिरोह की तलाश जारी
- रेल पुलिस की रात में कार्रवाई, बेगूसराय, नालंदा और पटना के युवकों की संलिप्तता उजागर; चोरी कर बेचते थे मोबाइल, पैसों से करते थे नशा
पटना। राजधनी के पटना जंक्शन पर यात्रियों के मोबाइल और कीमती सामान चोरी की बढ़ती घटनाओं के बीच रेल पुलिस ने शुक्रवार देर रात एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए तीन चोरों को गिरफ्तार किया। भीड़भाड़ वाले प्लेटफॉर्म नंबर दो से पकड़े गए इन युवकों के पास से चोरी किए गए तीन मोबाइल फोन भी बरामद किए गए। यह गिरफ्तारी उन शिकायतों पर की गई, जिनमें यात्रियों ने लगातार अपने मोबाइल और सामान चोरी होने की सूचना दी थी।
गिरफ्तारी कैसे हुई?
पिछले कई दिनों से रेल थाने की पुलिस को सूचना मिल रही थी कि कुछ युवक पटना जंक्शन पर घूम-घूमकर यात्रियों का मोबाइल और बैग चोरी कर रहे हैं। शुक्रवार रात गश्त के दौरान पुलिस ने प्लेटफॉर्म नंबर दो पर तीन संदिग्ध युवकों को देखा। पुलिस को देखते ही वे घबराहट में इधर-उधर देखने लगे और भागने का प्रयास करने लगे, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत उन्हें पकड़ लिया। तलाशी में तीन मोबाइल फोन मिले, जिनके बारे में युवकों ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। जब कड़ाई से पूछताछ की गई, तो उन्होंने चोरी की घटनाओं में शामिल होने की बात स्वीकार कर ली।
गिरफ्तार आरोपी और उनकी पहचान
पुलिस ने जिन युवकों को पकड़ा है, उनकी पहचान बेगूसराय निवासी रूपेश कुमार, गर्दनीबाग निवासी उमेश और नालंदा निवासी प्रतीक के रूप में हुई है। ये सभी युवक अक्सर पटना जंक्शन पर घूमते रहते थे और भीड़ का फायदा उठाकर चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे। पूछताछ में उन्होंने बताया कि चोरी के बाद मोबाइल फोन बेहद कम दाम पर बेच दिए जाते हैं, और उससे मिलने वाले पैसों का उपयोग वे नशे के सेवन में करते हैं।
भीड़भाड़ का फायदा उठाने वाली गैंग की करतूत
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे सिर्फ अकेले नहीं, बल्कि एक संगठित गिरोह के सदस्य हैं। यह गिरोह कई लोगों को शामिल करता है, जिनमें कुछ नाबालिग भी होने की आशंका है। चोरी किए गए मोबाइल फोन दूसरे राज्यों में भेजे जाते हैं, जहां उन्हें ब्लैक मार्केट में बेचा जाता है। युवकों के बयान के बाद पुलिस को अब इस बात का पता लगाना है कि गिरोह का संचालक कौन है और यह नेटवर्क कितने लोगों तक फैला हुआ है।
स्टेशन की सुरक्षा पर उठे सवाल
पटना जंक्शन बिहार का सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन है, जहां रोजाना लाखों यात्री आते-जाते हैं। भीड़भाड़ के कारण यह जेबकतरों और चोरों के लिए आसान निशाना बन जाता है। यात्रियों का कहना है कि प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा बलों की मौजूदगी कम है और कई बार जेबकतरे खुलेआम घूमते रहते हैं। इस घटना ने स्टेशन प्रशासन और रेलवे पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
रेल पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की तह तक जाने की कोशिश कर रही है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि पिछले दिनों जिन यात्रियों का मोबाइल चोरी हुआ था, उनमें किन-किन लोगों की भूमिका थी। पुलिस ने बताया कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। विशेष गश्ती दल तैयार किया जा रहा है, जो प्लेटफॉर्म, एंट्री गेट और टिकट काउंटर के आसपास संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखेगा।
यात्रियों को सतर्क रहने की सलाह
पुलिस ने यात्रियों से आग्रह किया है कि वे स्टेशन पर अपने मोबाइल और बैग सुरक्षित रखें, भीड़भाड़ वाले स्थानों पर अतिरिक्त सतर्क रहें और किसी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत पुलिस को सूचित करें। यात्रियों और दुकानदारों ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की है, लेकिन साथ ही यह मांग भी उठाई है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए स्थायी और मजबूत सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत है। पटना जंक्शन पर तीन मोबाइल चोरों की गिरफ्तारी यह संकेत देती है कि रेल पुलिस अब चोरी की घटनाओं को गंभीरता से लेकर सख्त कार्रवाई कर रही है। गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश जारी है, और उम्मीद है कि पूरे नेटवर्क के पकड़े जाने पर स्टेशन पर चोरी की घटनाओं में भारी कमी आएगी।


