बिहार में आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को मिलेगा प्रमाणपत्र, पढ़ाई पूरी होने पर सीधे स्कूलों में मिलेगा एडमिशन
पटना। बिहार सरकार ने राज्य की प्रारंभिक शिक्षा व्यवस्था में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब आंगनबाड़ी केंद्रों में नर्सरी से यूकेजी तक पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाई पूरी होने पर प्रमाणपत्र दिया जाएगा। इस प्रमाणपत्र के आधार पर वे सीधे किसी भी स्कूल में पहली कक्षा में प्रवेश पा सकेंगे। यह परिवर्तन न केवल बच्चों की शिक्षा यात्रा को सुगम बनाएगा, बल्कि राज्य में प्रारंभिक शिक्षा को अधिक मजबूत और व्यवस्थित भी करेगा।
आंगनबाड़ी केंद्रों में नर्सरी से यूकेजी तक की पढ़ाई मान्य
बिहार सरकार ने राज्य के 15 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों में तीन से छह वर्ष की आयु के बच्चों के लिए नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी की पढ़ाई को मान्यता दे दी है। वर्ष 2025-26 से यह व्यवस्था सभी जिलों में लागू हो चुकी है। इसके लिए महिला एवं बाल विकास निगम ने एक मानकीकृत पाठ्यक्रम भी तैयार किया है, ताकि बच्चों को शुरुआती शिक्षा एकसमान रूप से मिल सके। यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत लिया गया है, जिसमें प्रारंभिक शिक्षा को आंगनबाड़ी केंद्रों से ही मजबूत करने पर जोर दिया गया है। इस बदलाव के बाद आंगनबाड़ी केंद्र अब प्ले स्कूल की तरह कार्य करेंगे।
ईसीसीई प्रमाणपत्र से मिलेगा सीधा स्कूल प्रवेश
सरकार ने घोषणा की है कि वर्ष 2026 से आंगनबाड़ी में यूकेजी की पढ़ाई पूरी करने वाले बच्चों को ईसीसीई प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा। यह प्रमाणपत्र पांच से छह वर्ष की आयु वाले बच्चों को दिया जाएगा, जिन्हें आगे पहली कक्षा में प्रवेश दिलाने के लिए उपयोग किया जाएगा।
प्रमाणपत्र में बच्चे को एक दस अंकों की विशिष्ट आईडी दी जाएगी, जिसकी संरचना इस प्रकार होगी
पहले चार अंक – संबंधित आंगनबाड़ी केंद्र का कोड
अगले चार अंक – बच्चे की अपार आईडी के अंक
अंतिम दो अंक – प्रमाणपत्र जारी होने का वर्ष
यह आईडी सिस्टम बच्चों की पढ़ाई से जुड़े रिकॉर्ड को संरक्षित रखने और आगे ट्रैक करने में मदद करेगा।
डिजिटल डाटा प्रबंधन की तैयारी
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सभी आईसीडीएस निदेशालयों को निर्देश जारी किए हैं कि बच्चों की जानकारी डिजिटल रूप में राज्य स्तर के निगम को भेजी जाए। इससे हर बच्चे का शैक्षणिक रिकॉर्ड एक केंद्रीकृत प्रणाली में दर्ज रहेगा और भविष्य में स्कूल प्रवेश प्रक्रिया आसान हो जाएगी। यह व्यवस्था पारदर्शिता और सुचारु डेटा प्रबंधन को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया होगी सरल
अब तक कई माता-पिता को अपने बच्चों को नर्सरी या एलकेजी के बाद प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन के लिए संघर्ष करना पड़ता था। कई सरकारी स्कूल भी आंगनबाड़ी की शिक्षा को औपचारिक रूप से नहीं मानते थे। लेकिन नई व्यवस्था लागू होने के बाद यह समस्या खत्म हो जाएगी। प्रमाणपत्र के साथ बच्चों को सीधे पहली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। इससे प्रवेश प्रक्रिया की जटिलता कम होगी और समय तथा संसाधन दोनों की बचत होगी।
प्रारंभिक शिक्षा को मजबूत करने की दिशा में बड़ी पहल
आंगनबाड़ी केंद्रों में नर्सरी से यूकेजी तक पढ़ाई का विस्तार बच्चों के मानसिक, शारीरिक और सामाजिक विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा (ECCE) बच्चों के आगे की पढ़ाई के लिए मजबूत नींव तैयार करती है। इस मॉडल से यह सुनिश्चित होगा कि बच्चों का विकास सुनियोजित और मानकीकृत तरीके से हो। माता-पिता को भी यह भरोसा मिलेगा कि उनके बच्चे को गुणवत्तायुक्त प्रारंभिक शिक्षा मिल रही है, जो आगे चलकर उनके स्कूली जीवन में लाभकारी साबित होगी। बिहार सरकार द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रारंभिक शिक्षा को औपचारिक मान्यता देना और यूकेजी पूरी करने पर प्रमाणपत्र जारी करना राज्य की शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव है। इससे बच्चों को पहली कक्षा में प्रवेश आसान होगा, शैक्षणिक रिकॉर्ड डिजिटली सुरक्षित रहेगा और प्रारंभिक शिक्षा प्रणाली मजबूत होगी। यह कदम न केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि बिहार के शैक्षणिक ढांचे को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप एक नई दिशा भी प्रदान करेगा।


