November 17, 2025

पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा और पूर्व मंत्री नागमणि बीजेपी में शामिल, कहा- बीजेपी में रहकर पार्टी को मजबूत करेंगे

पटना। एनकाउंटर स्पेशलिस्ट और असम के सिंघम के नाम से मशहूर पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा ने जनसुराज छोड़कर मंगलवार को बीजेपी जॉइन कर ली है। इस मौके पर उन्होंने कहा, ‘कोई चुनावी मुद्दा लेकर नहीं आया हूं। ना ही टिकट के लिए आया हूं। सिर्फ भाजपा को मजबूती देने आया हूं। शपथ लेता हूं कि मैं जब तक जिऊंगा, तब तक इस पार्टी और बिहार के लिए काम करूंगा। जब तक जिंदा रहेंगे, तब तक पार्टी को मजबूत करेंगे।’ पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा के साथ-साथ पूर्व मंत्री नागमणि ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा ऑफिस में आयोजित मिलन समारोह के दौरान प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने सभी को बीजेपी की सदस्यता दिलाई।इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा, ‘एनडीए बिहार की जरूरत है, अब ये सभी लोग मान लिए है। भाजपा विकास के लकीर को खींचने का काम कर रहा है।’ ‘आनंद मिश्रा हमलोग से मिले तो कहा कि चुनाव लड़ना हमारा मकसद नहीं है। हमारा मकसद भाजपा के विचारधारा को लोगों तक पहुंचाना है। मैंने भी कहा कि हमारा मकसद आपको सम्मान देना है।’ पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा ने कहा कि ‘आज का दिन मेरे लिए बहुत बड़ा दिन है। जब मैंने आईपीएस की नौकरी छोड़ी थी तब भी मैंने प्रदेश अध्यक्ष को नमस्ते किया था। मैं बचपन से ही भाजपा से बहुत ज्यादा प्रभावित हूं। मैं भाजपा के माध्यम से काम करना चाहता हूं। देश का अगर भला हो सकता हैं तो भाजपा ही कर सकती है।’ अगर भाजपा मजबूत होगी तब ही बिहार मजबूत होगा। बिहार मजबूत होगा, तभी देश मजबूत होगा। मैं कोई चुनावी मुद्दा लेकर नहीं आया हूं और ना ही टिकट के लिए आया हूं मैं बस भाजपा को मजबूती देने आया हूं। आनंद मिश्रा का राजनीति में सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। उन्होंने इंडियन पुलिस सर्विस की नौकरी छोड़कर वीआरएस लिया और राजनीति की राह पकड़ी थी। आनंद मिश्रा को उम्मीद थी कि 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा से टिकट मिलेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं, जिसके बाद वो निर्दलीय मैदान में भी उतरे थे लेकिन हार का सामना करना पड़ा। जन सुराज से जुड़ने के बाद वो हमेशा सक्रिय नजर आए। लोगों के बीच जाते रहे, प्रशांत किशोर के साथ भी घूमते थे। पार्टी ने उन्हें यंग विंग का अध्यक्ष बनाया था। मूल रूप से बिहार के आरा जिले के रहने वाले आनंद मिश्रा 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने महज 22 साल की उम्र में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली थी। 13 साल के करियर में आनंद मिश्रा ने करीब 150 एनकाउंटर किए। असम-मेघालय कैडर के अधिकारी आनंद मिश्रा का नाम तेज-तर्रार अधिकारियों में शुमार रहा, जिनसे अपराधी कांपते थे। आनंद मिश्रा की सोशल मीडिया पर भी अच्छी-खासी फॉलोइंग है। इंस्टाग्राम पर लाखों फॉलोअर्स होने के साथ ही आनंद मिश्रा यूट्यूब चैनल भी चलाते हैं। आनंद मिश्रा संघ के बाल स्वयंसेवक रह चुके है।उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें बक्सर लोकसभा सीट से टिकट मिलेगी, लेकिन भाजपा ने उन्हें पार्टी में शामिल तक नहीं किया। जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। , नागमणि ने कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव बिहार के लोगों को यात्रा करके गुमराह कर रहे है। खासकर मगध और शाहबाद के इलाके में राजद ज्यादा सीट जीती है। मैं पूरी कोशिश करूंगा कि इस क्षेत्र में 90 प्रतिशत वोट एनडीए को मिले। इसके लिए मैं पूरी जी जान लगा दूंगा। अब मेरा भी उम्र 70 साल हो गया है। हम पर आरोप लगते रहता है लेकिन अब बीजेपी में ही हमको जीना और मरना है। बीजेपी में आलाकमान का जो निर्देश होगा उसपर हम काम करेंगे एड़ी चोटी एक कर देंगे। सम्राट चौधरी, उपेंद्र कुशवाहा के बाद जब नागमणि एनडीए में आ गया है तो विपक्ष को एक एक वोट के लिए अब तरसना होगा। कोई चुनावी मुद्दा लेकर नहीं आया हूं। ना ही टिकट के लिए आया हूं। सिर्फ भाजपा को मजबूती देने आया हूं। शपथ लेता हूं कि मैं जब तक जिऊंगा, तब तक इस पार्टी और बिहार के लिए काम करूंगा। जब तक जिंदा रहेंगे, तब तक पार्टी को मजबूत करेंगे।

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