December 17, 2025

सुपौल में बुजुर्ग को शराब पीने से रोका तो उठाया खौफनाक कदम, खाया जहरीला पदार्थ, अस्पताल में भर्ती

सुपौल। जिले से एक बेहद चिंताजनक और झकझोर देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें शराब पीने से मना किए जाने पर एक बुजुर्ग व्यक्ति ने आत्मघाती कदम उठा लिया। यह मामला न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि समाज में शराब की लत और उससे उपजने वाले मानसिक तनाव की गंभीरता को भी उजागर करता है। यह घटना सुपौल जिले के सिमरही वार्ड संख्या-4 की है। यहां रहने वाले करीब 50 वर्षीय दशरथ साह ने सोमवार की देर रात जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया। बताया जा रहा है कि परिवार के सदस्यों ने उन्हें शराब पीने से मना किया था, जिससे वे मानसिक रूप से आहत और तनावग्रस्त हो गए। इसी तनाव में उन्होंने यह खौफनाक कदम उठा लिया। घटना सोमवार शाम करीब 6 बजे की बताई जा रही है।
परिवार में शराब को लेकर तनाव
परिजनों के अनुसार, दशरथ साह को शराब पीने की आदत थी और इसे लेकर घर में अक्सर विवाद की स्थिति बनी रहती थी। उनकी बहू संगीता देवी ने बताया कि उनके ससुर शराब पीने के बाद घर में हंगामा करते थे। जब भी परिवार के लोग उन्हें शराब पीने से रोकते थे, तो वे गुस्से में आ जाते थे और कई बार मारपीट पर भी उतारू हो जाते थे। सोमवार को भी इसी तरह की स्थिति उत्पन्न हुई थी।
जहरीला पदार्थ खाने के बाद बिगड़ी हालत
सोमवार की शाम दशरथ साह ने शराब पी रखी थी। इसके बाद उन्होंने किसी जहरीले पदार्थ या दवा का सेवन कर लिया। जहर खाने के बाद वे घर में ही लेट गए और धीरे-धीरे उनकी हालत बिगड़ने लगी। जब परिजनों ने उनकी बिगड़ती स्थिति देखी, तो उन्हें समझ में आया कि मामला गंभीर है। इसके बाद परिवार में हड़कंप मच गया और तुरंत उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाने का फैसला किया गया।
अस्पताल में प्राथमिक उपचार
परिजन दशरथ साह को लेकर राघोपुर स्थित रेफरल अस्पताल पहुंचे। अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने उनकी हालत को गंभीर बताया और तत्काल प्राथमिक उपचार शुरू किया। डॉक्टरों के अनुसार, जहरीले पदार्थ के सेवन से उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई थी। प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने स्पष्ट किया कि मरीज को बेहतर और विशेषज्ञ इलाज की आवश्यकता है, जिसके लिए उन्हें हायर सेंटर रेफर किया जाना जरूरी है।
हायर सेंटर भेजने को लेकर असमंजस
हालांकि डॉक्टरों की सलाह के बावजूद परिजन शुरू में दशरथ साह को हायर सेंटर ले जाने के लिए तैयार नहीं थे। परिजनों की हिचकिचाहट को देखते हुए अस्पताल प्रशासन चिंतित हो गया। मरीज की जान को खतरा देखते हुए अस्पताल कर्मियों ने मामले की सूचना पुलिस को दी, ताकि समय रहते आवश्यक कदम उठाया जा सके।
पुलिस का हस्तक्षेप
अस्पताल से सूचना मिलने के बाद राघोपुर थाना प्रभारी अमित कुमार पुलिस टीम के साथ तुरंत अस्पताल पहुंचे। पुलिस ने परिजनों को स्थिति की गंभीरता समझाई और मरीज को हायर सेंटर ले जाने के लिए राजी किया। इसके बाद दशरथ साह को एम्बुलेंस में डालकर हायर सेंटर भेजा गया। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से मरीज को समय पर उन्नत इलाज के लिए भेजा जा सका।
डॉक्टरों की राय और वर्तमान स्थिति
रेफरल अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि जहरीले पदार्थ का असर शरीर पर गंभीर रूप से पड़ा है और मरीज को विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में रखना आवश्यक है। फिलहाल दशरथ साह की स्थिति नाजुक बताई जा रही है और उन्हें हायर सेंटर में इलाज के लिए भर्ती किया गया है। डॉक्टर लगातार उनकी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
घटना से जुड़ी सामाजिक चिंता
यह घटना केवल एक व्यक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। शराब की लत न सिर्फ व्यक्ति के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि पारिवारिक रिश्तों में तनाव और विवाद को भी जन्म देती है। कई बार यह तनाव इतना बढ़ जाता है कि व्यक्ति गलत और घातक फैसले लेने पर मजबूर हो जाता है।
प्रशासन और समाज के लिए संदेश
सुपौल जिले की यह घटना प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और समाज सभी के लिए सोचने का विषय है। प्रशासन की ओर से लोगों से अपील की गई है कि यदि किसी परिवार में शराब की लत या मानसिक तनाव की समस्या है, तो उसे नजरअंदाज न करें। समय रहते डॉक्टरों, काउंसलर या विशेषज्ञों की मदद लेना बेहद जरूरी है। दशरथ साह की यह घटना बताती है कि शराब की लत और मानसिक तनाव किस हद तक व्यक्ति को तोड़ सकते हैं। साथ ही यह भी स्पष्ट होता है कि संकट के समय अस्पताल और पुलिस का त्वरित हस्तक्षेप जीवन बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

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