पटना में प्रशासन की स्कॉर्पियो ने बच्चों को कुचला, नशे में था ड्राइवर, मासूम के दोनों पैर टूटे
पटना। जिले के बिहटा प्रखंड के कन्हौली गांव में 16 अगस्त की शाम एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने पूरे इलाके को हिला दिया। गली में खेल रहे मासूम अंशु कुमार को प्रशासन लिखी स्कॉर्पियो ने कुचल दिया, जिससे उसके दोनों पैर बुरी तरह टूट गए। घायल बच्चे का इलाज फिलहाल चल रहा है। घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें साफ दिख रहा है कि स्कॉर्पियो तेज रफ्तार से गली में घुसी और बच्चे को रौंदते हुए निकल गई। पीड़ित बच्चे के पिता बिंदु राय ने बताया कि हादसे के तुरंत बाद उनकी बहन बाहर निकली तो अंशु खून से लथपथ जमीन पर पड़ा मिला। स्थानीय लोगों ने गाड़ी का पीछा किया, तब पता चला कि यह वाहन गांव के ही रंचो कुमार चला रहे थे। रंचो कुमार महेश महतो के बेटे बताए जा रहे हैं। ग्रामीणों और परिजनों का गंभीर आरोप है कि चालक उस समय नशे में धुत था। यही नहीं, जब लोगों ने विरोध जताया तो आरोपी ने गाली-गलौज और हाथापाई शुरू कर दी। घटना के दो दिन बाद, यानी 18 अगस्त की शाम को बच्चे के पिता ने बिहटा थाने में लिखित आवेदन देकर आरोपी चालक के खिलाफ मामला दर्ज कराया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज अपने कब्जे में ले लिया है। बिहटा थानाध्यक्ष रंजीत कुमार ने कहा कि पीड़ित परिवार की तहरीर पर जांच शुरू कर दी गई है। फुटेज के आधार पर कार्रवाई की जाएगी और दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।ग्रामीणों का कहना है कि आरोपी युवक अक्सर पटना में किसी प्रशासनिक अधिकारी की गाड़ी चलाता है। इसी कारण वह अपने रसूख के दम पर दबंगई दिखाता है। अब गांव के लोग इस घटना से बेहद आक्रोशित हैं और आरोपी पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रशासन लिखी गाड़ियों का दुरुपयोग कर लोग दबाव बनाने और गुंडागर्दी करने लगते हैं। यह आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। यह हादसा न सिर्फ एक मासूम की जिंदगी को हमेशा के लिए बदल गया, बल्कि प्रशासनिक गाड़ियों और उनके चालकों की जिम्मेदारी पर भी सवाल खड़े करता है। ग्रामीणों का मानना है कि यदि ऐसे लोगों पर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो भविष्य में और भी बड़े हादसे हो सकते हैं। फिलहाल बच्चा गंभीर चोटों से जूझ रहा है और पूरा परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है। इस घटना ने पटना प्रशासन की कार्यप्रणाली और आमजन की सुरक्षा को लेकर कई चिंताएं खड़ी कर दी हैं। अब सबकी नजरें पुलिस की कार्रवाई और न्यायिक प्रक्रिया पर टिकी हैं कि क्या आरोपी को उसके अपराध की सजा मिल पाएगी या यह मामला भी रसूख की वजह से दब जाएगा।


