मणिपुर में सुरक्षाबलों की बड़ी कार्रवाई, हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद, 11 उग्रवादी गिरफ्तार

इंफाल। मणिपुर में एक बार फिर सुरक्षा बलों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उग्रवादियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। ताजा घटनाक्रम में सुरक्षाबलों ने इंफाल पूर्वी जिले के केराओ वांगखेम और आस-पास के क्षेत्रों में तलाशी अभियान चलाकर 11 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है। इन सभी का संबंध राज्य में सक्रिय प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों से बताया जा रहा है।
गिरफ्तार हुए उग्रवादी
मणिपुर पुलिस के अनुसार गिरफ्तार किए गए उग्रवादियों में कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीपुल्स वार ग्रुप), पीएलए और केसीपी (अपुनबा) के सक्रिय सदस्य शामिल हैं। पुलिस ने इन सभी को खुफिया जानकारी के आधार पर चलाए गए अभियान में पकड़ा है। जिन 11 लोगों को पकड़ा गया है, उनमें नाओरेम रबीचंद्र सिंह (30), येंगकोकपम प्रेमचन सिंह (22), निंगथौखोंगजम विकास सिंह और सनाबम रतन सिंह (60) के नाम प्रमुख हैं।
भारी मात्रा में हथियारों की बरामदगी
अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने उग्रवादियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद किया है। जब्त किए गए सामान में दो एके-47 राइफलें जिनमें 4-4 जिंदा राउंड भरे हुए थे, एक एम4 राइफल, एक एसएलआर राइफल, एक .303 राइफल, .303 के 25 कारतूस, एक वायरलेस सेट, दो मोबाइल फोन और एक आधार कार्ड शामिल हैं।
मंटिरिपुखरी में अलग ऑपरेशन
इसी दिन मंटिरिपुखरी फ्रेंच कॉलोनी में एक अन्य अभियान के तहत केसीपी (पीडब्ल्यूजी) के चार अन्य कैडरों को भी गिरफ्तार किया गया। इनमें वाहेंगबाम बिमल मैती (25), सोरेनशांगबाम संजना देवी (25), सेनजाम जेम्स सिंह और वांगखेइमायुम तरुण सिंह के नाम सामने आए हैं। इनसे दो पिस्तौल, प्रतिबंधित संगठन के पांच मांग पत्र, पांच मोबाइल फोन, दो आधार कार्ड, तीन हाथ के दस्ताने और एक छलावरण टोपी जब्त की गई है।
पीएलए का सक्रिय सदस्य भी गिरफ्तार
इस कार्रवाई के दौरान पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एक सक्रिय सदस्य मोइरनथेम ओकेन (55) को भी गिरफ्तार किया गया। उसके पास से दो पिस्तौल, एक हथगोला, एक डेटोनेटर, तीन मोबाइल फोन और एक स्लिंग बैग जब्त किया गया है।
सुरक्षा व्यवस्था पर सकारात्मक असर
इस व्यापक अभियान से साफ है कि मणिपुर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां राज्य में उग्रवाद को खत्म करने के लिए पूरी तरह सक्रिय हैं। लगातार हो रही गिरफ्तारियों और हथियारों की जब्ती से राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूती मिली है। साथ ही, आम लोगों में सुरक्षा को लेकर विश्वास भी बढ़ा है। मणिपुर में लगातार चल रही उग्रवादी गतिविधियों के बीच यह कार्रवाई एक अहम कदम मानी जा रही है। इससे न केवल उग्रवादी संगठनों की कमर टूटेगी, बल्कि राज्य में शांति व्यवस्था कायम करने की दिशा में भी यह एक बड़ा प्रयास साबित होगा। पुलिस ने साफ किया है कि ऐसे अभियान आगे भी जारी रहेंगे।

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