किशनगंज में खाना बनाने के दौरान हादसा, आग लगने से तीन घर जलकर राख, लाखों का हुआ नुकसान
किशनगंज। जिले से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है, जहां खाना बनाने के दौरान लगी आग ने देखते ही देखते भीषण रूप ले लिया। पोठिया प्रखंड अंतर्गत पहाड़कट्टा थाना क्षेत्र के रूही टोला में शुक्रवार देर रात आग लगने की इस घटना ने तीन परिवारों को बेघर कर दिया। आग इतनी तेज थी कि कुछ ही देर में तीन घर पूरी तरह जलकर राख हो गए। इस हादसे में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है।
खाना बनाते समय लगी आग
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह आग रात के समय उस वक्त लगी जब घर में खाना बनाया जा रहा था। चूल्हे या जलते ईंधन से निकली चिंगारी ने देखते ही देखते आसपास रखे जलावन और घर के सामान को अपनी चपेट में ले लिया। ग्रामीण इलाका होने के कारण अधिकतर घर कच्चे और ज्वलनशील सामग्री से बने थे, जिससे आग तेजी से फैल गई। जब तक लोग कुछ समझ पाते, तब तक आग ने विकराल रूप धारण कर लिया।
देखते ही देखते तीन घर आए चपेट में
आग की लपटें इतनी तेज थीं कि एक घर से दूसरे घर तक फैलने में ज्यादा समय नहीं लगा। रूही टोला के तीन परिवारों के आवासीय घर पूरी तरह जलकर राख हो गए। घरों के साथ-साथ जलावन घर भी जल गए, जिनमें रखा सारा ईंधन आग में स्वाहा हो गया। आग लगने से घरों में रखा अनाज, कपड़े, बर्तन, नकदी और जरूरी घरेलू सामान पूरी तरह नष्ट हो गया।
जरूरी दस्तावेज भी जलकर हुए खाक
इस अग्निकांड में पीड़ित परिवारों के कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जल गए। आधार कार्ड, राशन कार्ड, जमीन से जुड़े कागजात और अन्य जरूरी प्रमाण पत्र आग की भेंट चढ़ गए। इन दस्तावेजों के जल जाने से पीड़ितों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं, क्योंकि इन्हीं कागजात के आधार पर उन्हें सरकारी योजनाओं और सहायता का लाभ मिलता है। अब उन्हें दोबारा ये दस्तावेज बनवाने के लिए प्रशासन के चक्कर लगाने पड़ेंगे।
अग्निशमन विभाग की टीम ने पाया काबू
घटना की सूचना मिलते ही अग्निशमन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। हालांकि ग्रामीण इलाका होने और रास्ते की दिक्कतों के कारण दमकल वाहन को घटनास्थल तक पहुंचने में कुछ समय लगा। इस दौरान ग्रामीणों ने अपने स्तर से आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग की तीव्रता के आगे वे असहाय नजर आए। दमकल कर्मियों ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, तब जाकर स्थिति सामान्य हो सकी।
लाखों रुपये के नुकसान का अनुमान
प्रारंभिक आकलन के अनुसार, इस हादसे में लाखों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। तीनों परिवारों के लिए यह आग केवल घर जलने की घटना नहीं, बल्कि वर्षों की मेहनत और जमा पूंजी के खत्म होने जैसा है। पीड़ित परिवार फिलहाल खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं और उनके सामने रोजमर्रा की जरूरतों की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।
समाजसेवियों और जनप्रतिनिधियों की पहल
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय समाजसेवी और ग्राम कचहरी प्रतिनिधि बाबा करीम घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उनकी स्थिति का जायजा लिया और तत्काल प्रशासन को मामले की सूचना दी। बाबा करीम ने राजस्व कर्मचारी को घटनास्थल पर बुलवाया, जिन्होंने नुकसान का आकलन करने के लिए स्थलीय जांच पूरी कर ली है। इस जांच के आधार पर मुआवजा प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
राजनीतिक प्रतिनिधियों ने भी लिया जायजा
इस अग्निकांड की सूचना मिलने पर एआईएमआईएम नेता शम्स आगाज भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवारों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनीं और प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क किया। शम्स आगाज ने प्रशासन से मांग की कि पीड़ितों को शीघ्र और उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि वे दोबारा अपने जीवन को पटरी पर ला सकें। इस दौरान पूर्व मुखिया अख्तर साहब सहित दर्जनों स्थानीय लोग भी घटनास्थल पर मौजूद रहे और पीड़ितों के प्रति संवेदना जताई।
प्रशासन से राहत की उम्मीद
घटना के बाद पीड़ित परिवारों को प्रशासन से राहत की उम्मीद है। राजस्व कर्मचारी द्वारा की गई जांच के बाद सरकारी मुआवजे की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे हादसों में त्वरित राहत और अस्थायी आवास की व्यवस्था बेहद जरूरी होती है, ताकि प्रभावित परिवारों को तुरंत सहारा मिल सके। यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि ग्रामीण इलाकों में आग से बचाव को लेकर जागरूकता और संसाधनों की कितनी जरूरत है। खाना बनाते समय सावधानी, सुरक्षित ईंधन का उपयोग और आग बुझाने के प्राथमिक साधनों की उपलब्धता ऐसे हादसों को काफी हद तक कम कर सकती है। साथ ही प्रशासन और समाज दोनों को मिलकर ऐसे क्षेत्रों में अग्नि सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है।
पीड़ितों के लिए संवेदनाओं का दौर
रूही टोला में हुए इस हादसे के बाद पूरे इलाके में शोक और संवेदना का माहौल है। लोग पीड़ित परिवारों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं, कोई कपड़े दे रहा है तो कोई खाने-पीने का सामान। अब सबकी नजर प्रशासन की ओर है कि वह कितनी जल्दी और कितनी प्रभावी मदद पहुंचाता है, ताकि आग की इस त्रासदी से उजड़े परिवार फिर से सामान्य जीवन की ओर लौट सकें।


