बिहार में बिना गठबंधन के चुनाव लड़ेगी आप, 243 सीटों पर तैयारी, जल्द आएंगे केजरीवाल और सिसोदिया

पटना। बिहार की राजनीति में आम आदमी पार्टी (आप) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए साफ कर दिया है कि वह आगामी विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी। यह निर्णय विपक्षी गठबंधन इंडिया के लिए एक झटका माना जा रहा है, क्योंकि इससे विपक्ष की एकजुटता कमजोर होती दिख रही है। पार्टी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वह अब किसी भी राजनीतिक गठबंधन का हिस्सा नहीं है।
इंडिया गठबंधन से दूरी
आप पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक अनुराग ढांडा ने कहा कि आप अब किसी गठबंधन में शामिल नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इंडिया गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए बना था और अब पार्टी स्वतंत्र रूप से विधानसभा चुनावों में अपनी रणनीति के तहत आगे बढ़ेगी। उनके अनुसार पार्टी का फोकस अब अपनी ताकत पर है, न कि किसी बाहरी सहयोग पर।
बिहार में पूरी तैयारी, सभी 243 सीटों पर चुनाव
बिहार में पार्टी के प्रभारी अजेश यादव ने बताया कि आम आदमी पार्टी राज्य की सभी 243 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। पार्टी बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। इस उद्देश्य से पार्टी ने सात चरणों की यात्रा शुरू की है, जिससे जनता से सीधा संवाद किया जा सके। इस यात्रा के तीसरे चरण में पार्टी सीमांचल क्षेत्र में प्रवेश कर चुकी है।
बड़े नेताओं का होगा दौरा
पार्टी की रणनीति के तहत आने वाले समय में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जैसे शीर्ष नेता बिहार का दौरा करेंगे। वे प्रचार में भी सक्रिय भूमिका निभाएंगे। पार्टी का मानना है कि लोगों से सीधे जुड़ाव के जरिए वह राज्य में अपना आधार मजबूत कर सकती है।
राज्यों को दो श्रेणियों में बांटा गया
आप पार्टी ने अपने राजनीतिक विस्तार के लिए राज्यों को दो श्रेणियों में विभाजित किया है। A कैटेगरी में वे राज्य रखे गए हैं जहां पार्टी को बड़े मुकाबले की संभावना दिखती है और जहां अरविंद केजरीवाल जैसे नेता भी सक्रिय रहेंगे। इन राज्यों में पंजाब, दिल्ली, गुजरात, गोवा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और असम शामिल हैं। वहीं B कैटेगरी में वे राज्य हैं, जहां पार्टी का प्रदेश नेतृत्व चुनावी रणनीति तैयार करेगा। बिहार भी इसी श्रेणी में आता है, जहां स्थानीय संगठन की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। पार्टी का मानना है कि जमीनी स्तर पर काम करके वह वहां भी प्रभाव डाल सकती है।
लंबी रणनीति तैयार
पार्टी ने अगले दो वर्षों के लिए चुनावी कार्यक्रम भी तय कर लिए हैं। असम में 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए वहां भी प्रचार अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा 2027 में पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, गोवा और गुजरात जैसे राज्यों में चुनाव लड़ने की तैयारी है।
नया राजनीतिक संकेत
आप के इस फैसले से यह संकेत मिल रहा है कि वह अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान को और अधिक स्वतंत्र रूप से स्थापित करना चाहती है। गठबंधन की सीमाओं से बाहर आकर पार्टी अब उन राज्यों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जहां उसे अपनी विचारधारा और कार्यशैली के जरिए जनता को प्रभावित करने का अवसर मिल सकता है। बिहार में पार्टी की यह घोषणा न सिर्फ राज्य की राजनीति में हलचल पैदा करेगी, बल्कि इंडिया गठबंधन की रणनीति पर भी असर डालेगी। अब देखना यह होगा कि आम आदमी पार्टी अपने दम पर बिहार की राजनीति में कितनी मजबूती से जगह बना पाती है।

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