सीएम नीतीश की पैक्स नीति ने बिहार में लाई कृषि क्रांति : प्रो. रणबीर

पटना। जदयू प्रवक्ता और पूर्व विधान पार्षद प्रो. रणबीर नंदन ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किसानों की आय को बढ़ाने की दिशा में सत्ता संभालने के बाद से काम शुरू कर दिया था। कृषि बाजार समिति की पेंचीदगी से किसानों को निकालते हुए उनके लिए पैक्सों का गठन किया गया। सहकारिता विभाग के स्तर पर गठित प्रारंभिक सहकारी समितियां गांव के किसानों के लिए विकास के द्वार खोल रही हैं। बीज-खाद से लेकर फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर खरीद की व्यवस्था भी इसके माध्यम से कराई जा रही है। आज किसानों को भरोसा है कि उनके धान-गेहूं की पैदावार पैक्सों के माध्यम से बेहतर मूल्य पर बिकेंगी। जबकि 2005 तक किसान अपनी फसल के उचित मूल्य को लेकर अनिश्चित रहते थे। दरअसल, नीतीश कुमार की पैक्स नीति ने ही बिहार में कृषि क्रांति लाई।
प्रो. रणबीर ने कहा कि पैक्स की व्यवस्था को इस प्रकार से बेहतर बनाया गया है कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार बनने लगा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के गांवों से जुड़कर काम करने वाले 8462 पैक्स अब किसानों के मित्र बन गए हैं। पैक्स के माध्यम से बीज और खाद की उपलब्धता के साथ खेती और अन्य जरूरतों के लिए किसानों को ऋण की भी व्यवस्था कराई गई है। मुख्यमंत्री ने पैक्सों को कोर बैंकिंग सेवा से जोड़ने का अहम फैसला लिया है।
प्रो. नंदन ने कहा कि पहले चरण में 294 पैक्सों को कोर बैंकिंग सेवा से जोड़ा गया है। इसके लिए सहकारिता विभाग की ओर से प्रति पैक्स 3.40 लाख रुपये का आवंटन दिया गया है। इससे पैक्सों को कंप्यूटरीकृत करने और सहकारी बैंकों से कोर बैंकिंग सॉल्यूशन सॉफ्टवेयर से इंटीग्रेट किया जा रहा है। इससे किसानों को माइक्रो एटीएम सुविधा का लाभ मिल सकेगा।
प्रो. नंदन ने कहा कि पैक्सों के माध्यम से अभी खरीफ फसल खरीद की प्रक्रिया को पूरा कराया जा रहा है। अब तक 11,854 आवेदन गेहूं खरीद के आवेदन आ चुके हैं। अब तक व्यापार मंडल की ओर से 361 आवेदन आए हैं। मुख्यमंत्री का साफ निर्देश है कि हर किसान से फसल की पूरी खरीद होगी। इसमें किसी प्रकार की कोई कोताही नहीं होगी। यह किसानों को एमएसपी का पूरा लाभ दिलाने की दिशा में उठाया गया अहम कदम है।

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