PATNA : गर्मी में निर्बाध बिजली के लिए शुरू हुआ मेंटेनेंस का काम, जोर-शोर से लगा बिजली विभाग
पटना। गर्मी में बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए पेसू मेंटेनेंस में जुट चुका है। ग्रिड, पीएसएस, फीडर से लेकर ट्रांसफॉर्मरों का मेंटेनेंस किया जा रहा है। इस बार लोड बढ़ने की पूरी संभावना है। पेसू का अनुमान है कि 900 मेगावाट तक बिजली की डिमांड जा सकती है। उस अनुसार मेंटेनेंस की तैयारी है। पेसू का लक्ष्य है कि इस महीने के अंत तक मेंटेनेंस कार्य पूरा करना है। उन फीडरों को चिह्नित कर लोड नियंत्रित किया जा रहा है, जिनके ओवरलोड होने की आशंका है। इस बार पेसू में 68 पीएसएस हो गए हैं। 33 केवीए के 70 और 11 केवीए के 262 फीडर हो गए हैं। ट्रांसफॉर्मर आठ हजार से अधिक हैं। नए पीएसएस और फीडरों को छोड़ सभी पुराने फीडर और पीएसएस का मेंटेनेंस होगा। गर्मी की शुरुआत अभी से हो गई है। इसके कारण बिजली की डिमांड में थोड़ी-बहुत बढ़ोतरी हो गई है। 370 मेगावाट डिमांड जा पहुंची है। इस महीने के बाद अप्रैल में यह डिमांड 400 से 450 मेगावाट तक जाने की संभावना है। जून-जुलाई और अगस्त में 600 से 650 मेगावाट तक डिमांड जाएगी। खुले तारों को भी बदलने की प्रक्रिया शुरू है। इससे शार्ट सर्किट की समस्या कम होगी। नए पीएसएस में इस बार कंटेनर और जीआईएस तैयार किए गए हैं।

बकरी बाजार कंटेनर पीएसएस होगा चालू
इस गर्मी में शहर का पहला बकरी बाजार कंटेनर पीएसएस (पावर सब स्टेशन) लोड पर चालू हो जाएगा। इस पीएसएस की बिजली आपूर्ति क्षमता 20 एमवीए की है। उस लिहाज से पांच पीएसएस के लोड को इस पर शिफ्ट किया गया है। इसमें सैदपुर, एनआईटी, मछुआटोली, गायघाट, एनएमसीएच पीएसएस से तीन-तीन मेगावाट लोड कंटेनर पीएसएस पर दिया गया है। इससे इन सभी पीएसएस पर लोड तीन मेगावाट कम हो गया है। गर्मी के दिनों में खासकर ये सभी पीएसएस पीक लोड पर रहते थे। उससे बड़ी राहत पहुंचेगी। अब सभी पीएसएस का लोड सामान्य रहेगा। इससे सैदपुर, एनआईटी, मछुआटोली, गायघाट, एनएमसीएच इलाके को निर्बाध बिजली मिलेगी। यहां की 50 हजार की बड़ी आबादी को फायदा होने वाला है। वही इस बार गर्मी में 900 मेगावाट बिजली की डिमांड होने की संभावना है। उसके लिए मेंटेनेंस शुरू कर दिया गया है। इस महीने के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। फ्यूजकॉल सेंटर 24 घंटे कार्यरत रहेगा। पेसू की बिजली आपूर्ति क्षमता 1300 मेगावाट की हो चुकी है। बिजली की समस्या नहीं गहराएगी।

