बिहार विधानसभा बजट सत्र : शून्यकाल में गूंजा विधायकों की पिटाई का मामला, विपक्ष ने पूछा दोषियों पर अब तक क्यों नहीं हुई कार्रवाई

पटना। बिहार विधानसभा के अंदर शून्यकाल के दौरान विपक्ष का सामूहिक तौर पर हंगामा देखने को मिला है। दरअसल, विधानसभा में सत्र के दौरान विधायकों की पिटाई के मसले पर अब तक दोषियों के ऊपर कार्यवाही नहीं होना विपक्ष के गुस्से का कारण बना है। शून्यकाल में इस मामले को उठाते हुए आरजेडी वाम दलों समेत कांग्रेस के विधायकों ने हंगामा किया है। इस मामले पर विधायक अजीत शर्मा समेत अन्य विधायकों ने कार्यवाही में देरी पर असंतोष जताया है। विधायकों की पिटाई के मसले पर दोषी अधिकारियों के ऊपर अब तक कार्यवाही नहीं होना विपक्ष को नागवार गुजर रहा है और विपक्षी विधायकों ने इस मामले में तुरंत स्पीकर से ठोस कदम उठाने की मांग रखी है। स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने भी सदन में विपक्षी दलों को भरोसा दिया है कि दोषी अधिकारियों पर जल्द एक्शन लिया जाएगा और जांच चल रही है।

शून्यकाल के दौरान ही भाकपा माले के विधायक महबूब आलम ने एक दलित युवती से बलात्कार और उसके पिता की स्थिति बताते हुए सुशासन पर सवाल खड़े किए हैं। भाकपा माले विधायक ने कहा है कि यहां दबंग लोग दलित युवती का बलात्कार भी करते हैं और फिर मामले में केस भी रजिस्टर्ड नहीं किया जाता है। गया के बेला वाले मामले को भी विपक्ष ने उठाया। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि मंत्री उसे संज्ञान में लें। बजट सत्र के तीसरे दिन आज सुबह 11 बजे बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई। सबसे पहले सदन में प्रश्नोत्तर काल लिए जा रहे हैं। इस दौरान अल्पसूचित प्रश्न और तारांकित प्रश्न के जरिए सरकार से अलग-अलग के सदस्यों के सवाल हो रहे हैं और उस पर सदन में सरकार की तरफ से जवाब आया। प्रश्नोत्तर काल के बाद शून्यकाल की कार्यवाही शुरू हुई तो सदस्यों की तरफ से तात्कालिक मुद्दे सदन में उठाए गये।