राहत : जमीन देने के बावजूद मुआवजा न मिलने से परेशान रैयतों को शीघ्र मुआवजा देने का आदेश

पटना। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के लिए जमीन देने के बावजूद समय पर उचित मुआवजा न मिलने से परेशान रैयतों को राहत मिलने जा रही है। गुरुवार को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने जिला भू-अर्जन पदाधिकारियों की बैठक में जल्द से जल्द मुआवजे के भुगतान का आदेश दिया। उन्होंने समय पर भू-अर्जन एवं भुगतान का डाटा नहीं देने वाले अधिकारियों को फटकार भी लगाई। बैठक में भू-अर्जन के निदेशक सुशील कुमार के अलावा सभी 38 जिलों के भू-अर्जन पदाधिकारी शामिल हुए।
कई प्रमुख योजनाओं की समीक्षा
बैठक में अपर मुख्य सचिव ने कई प्रमुख योजनाओं हाजीपुर-सुगौली नई रेल लाइन, छपरा-मुजफ्फरपुर नई बड़ी रेल लाइन, अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कारिडोर एवं बाढ़-बख्तियारपुर थर्ड लाइन की समीक्षा की। इसके अलावा भारत-नेपाल सीमा सड़क परियोजना, पटना मेट्रो रेल डिपो निर्माण, थर्मल पावर प्रोजेक्ट, बक्सर समेत कई जिलों में सशस्त्र सीमा सुरक्षा बल के लिए भूमि के अधिग्रहण के मामले की भी समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के मुआवजे का भुगतान प्राथमिकता के स्तर पर किए जाएं। अगले महीने वे हरेक योजना में भुगतान की स्थिति की अलग-अलग समीक्षा करेंगे। पांच लाख रुपये से अधिक भुगतान के मामले की भी समीक्षा खास तौर पर होगी।
अधिकारियों को चेताया, आंकड़ों का खेल न खेलें
अपर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि वे सिर्फ आंकड़ों का खेल न खेलें। काम ऐसा करें कि रैयत के साथ भूमि अधिग्रहण करने वाला विभाग भी खुश हों। यह नहीं कि किसी रैयत को कम कागजात के आधार पर भुगतान कर दिया गया। किसी-किसी रैयत से गैर-जरूरी कागजात की मांग की गई। भुगतान एक समान मानदंड के आधार पर हो। ग्रामीण क्षेत्र में जमीन के बाजार मूल्य का चार गुना और शहरी क्षेत्र में दोगुना भुगतान करना है। विभाग यह भी गारंटी करे कि अर्जित जमीन पर संबंधित विभाग का कब्जा हो जाए।
