लोकसभा अध्यक्ष ने विधायकों से कहा- लोकतांत्रिक संस्थानों को और कैसे मजबूत करें, सोचने की जरूरत

पटना। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला बिहार विधानसभा के सेंट्रल हॉल में विधायकों के लिए प्रबोधन कार्यक्रम में शामिल हुए। इस मौके पर राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत दोनों डिप्टी सीएम के साथ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी कार्यक्रम में मंच पर मौजूद थे। वहीं बड़ी संख्या में विधायक भी मौजूद रहे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरूवार को बिहार विधानसभा के डिजिटल टीवी व स्मारिका का भी विमोचन किया। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा की तरफ से सभी को स्मृति चिन्ह दिया गया तो वहीं लोकसभा अध्यक्ष ने सभी विधायकों को संविधान की कॉपी दी।
सदन की मर्यादा रखें
अपने प्रबोधन के कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि बिहार की प्रतिभा को भलीभांति जानता हूं। हमारे संसदीय क्षेत्र कोटा में बिहार के बच्चों के टैंलेंट को नजदीक से जानता हूं। बिहार के नौजवान देश ही नहीं दुनिया में नाम कमा रहे हैं। लोकतांत्रिक संस्थानों को और कैसे मजबूत करें, इस पर सोचने की जरूरत है। जनता की अपेक्षा पूरी कैसे हो, इस पर काम करने की जरूरत है। सदन की गरिमा बनाने की जिम्मेदारी हम सबों की है। जनप्रतिनिधियों की विशेष जिम्मेदारी होती है कि सदन की मर्यादा रखें। सदन संवाद के केंद्र बनें और संवाद से जो विचार निकले, जिससे अपेक्षित परिणाम मिले हैं। सदन में चर्चा होनी चाहिए। हर विषय पर सदन में चर्चा हो, कानून बनाते समय भरपूर चर्चा हो। जब आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे, तब चिंता इस बात की है कि सदन में गरिमा गिरती जा रही है। हम सबके लिए चिंता का विषय है कि सदन में चर्चा कम हो रही है। हमें यह व्यापक प्रयास करनी चाहिए कि सदन में संवाद हो।


बैठकों की संख्या घटती जा रही
ओम बिरला ने कहा कि लोकतंत्र में पक्ष-विपक्ष कार्य संस्कृति के अंदर हैं। हम राज्य के विकास की योजना कैसे बनाएं, इस पर काम होना चाहिए। जनता का कल्याण कैसे करें, यह जिम्मेदारी हम सबों की है। हमें कोशिश करनी चाहिए कि अधिक से अधिक समय तक सदन में चर्चा हो। आज लोकतंत्र पर विश्व में चर्चा हो रही है। भारत लोकतंत्र की जननी है। हम हमारे लोकतंत्र के मूल्यों को कैसे मजबूत करें? जिनको जनता ने चुन कर भेजा है उन पर सबसे अधिक जिम्मेदारी है। चर्चा और संवाद में गरिमा और शालीनता होनी चाहिए। विधानसभा के अंदर शालीनता गिरती जा रही है, जिससे देशभर में चिंता हैं। हम संकल्प लें कि विधान मंडलों की गरिमा बरकरार रखेंगे। हर विधानमंडल में सर्वश्रेष्ठ विधायक का चयन होना चाहिए। हमारा बार-बार प्रयास होना चाहिए कि सारी प्रक्रियाओं के तहत सदन में रहें और पुराने विधायकों से सीखें।
बिहार को विकसित बनाने में योगदान देने की अपील
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि शिमला सम्मेलन में हमने तय किया है कि सारे विधान मंडलों को एक डिजिटल मंच पर लाया जाए। विधान मंडलों की लाइब्रेरी को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे सभी प्रतिनिधियों को ज्ञान का लाभ होगा। विधानमंडल की अच्छी बातों-परंपरा को सारे लोग जानें और उसे अपनाएं। उन्होंने कहा कि आज भी संसद में कई ऐसे दल हैं जो वेल में नहीं आते। बिहार का जन कल्याण हो, इसके लिए सबकी जिम्मेदारी है। बिहार लोकतंत्र की जननी है और जीवंत लोकतंत्र है। गांव का हर व्यक्ति भी लोकतांत्रिक व्यवस्था को लेकर जागरूक है। बिहार को विकसित बिहार बनाने में आप लोग योगदान दें। सामूहिकता के संकल्प के साथ आप काम करेंगे तो बिहार समृद्ध होगा और देश में नंबर वन होगा।
विस अध्यक्ष बोले- फिर से हासिल करना है बिहार का गौरव
प्रबोधन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधानसभा के अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि हमें बिहार के गौरव को फिर से हासिल करना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार इसके लिए काम कर रहे हैं। हम सबों का दायित्व है कि बिहार का गौरव बढ़ाने में अपनी जिम्मेदारी को निभाएं। वही विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने कहा कि जनप्रतिनिधियों का सम्मान कैसे बढ़े, इसके बारे में बताने की जरूरत है।
तेजस्वी ने संवैधानिक संस्थानों को कमजोर करने की कही बात
अपनी बारी आने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने लिखा हुआ भाषण पढ़ा और अपने नपे तुले शब्दों में कहा कि राजनीतिक संस्थानों को कमजोर किया जा रहा है। मर्यादा को तार-तार किया जा रहा है। यह जनतंत्र के लिए खतरनाक है। राज्यों की अपनी पहचान रही है, अपनी प्राथमिकता रही है। केंद्र और राज्य के बीच रिश्तों के बदलते स्वरूप के बारे में भी सोचने की जरूरत है। हम एक साथ मिलकर इस संस्था को कैसे मजबूत बनाएं इस पर काम करने की जरूरत है। संवैधानिक संस्थानों को मजबूत बनाने का संकल्प लें।

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