CM नीतीश का इतिहास समाजवादियों को प्रताड़ित करने का रहा : सत्यानंद शर्मा

पटना। लोजपा (रामविलास) के वरिष्ठ नेता एवं समाजवादी आंदोलन के विचारक डॉ. सत्यानंद शर्मा ने गुरूवार को प्रेस बयान जारी की सीएम नीतीश पर जमकर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ना तो संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, सोशलिस्ट पार्टी या समाजवादी युजन सभा (एसवाईएस) के सदस्य रहे हैं और न हीं समाजवादी आंदोलन का हिस्सा रहे हैं। इनका राजनीतिक उपज 1974 के छात्र आंदोलन से हुआ है। कहा कि जो लोग उन्हें समाजवादी नेता बता रहे हैं, वे समाजवादी आंदोलन का इतिहास धूमिल कर रहे हैं।
उन्होंने यहां तक कहा कि नीतीश कुमार छात्र आंदोलन के बाद लोकदल का हिस्सा रहे हैं। इनका इतिहास समाजवादियों को प्रताड़ित करने का रहा है। जिस जार्ज फर्नांडिस और शरद यादव ने नीतीश कुमार को नेता और मुख्यमंत्री बनाया, उनको इन्होंने कितना प्रताड़ित किया, इसे पूरा देश जनता है। उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार की सरकार में लगातार आंदोलनकारियों पर लाठी-गोली बरसाए जा रहे हैं। सीएम नीतीश समाजवादी होते तो कब का इस्तीफा दे दिए होते।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार स्वार्थी, पदलोलुप और छदम राजनीतिज्ञ के परिचायक हैं, यह आचरण और ऐसे दुर्गुणों का परिचायक व्यक्ति कभी समाजवादी नहीं हो सकता। समाजवादी सिद्धांतों के कितने पक्के होते थे, इसका जवलंत उदाहरण 1962 के केरल के थानु मुहिम पिल्लै की सोशलिस्ट पार्टी के सरकार से स्व. पिल्लै मुख्यमंत्री थे। छात्रों के प्रदर्शन पर लाठीचार्ज हुआ था। डॉ. राम मनोहर लोहिया ने थानु मुहिम पिल्लै से यह कहकर इस्तीफा मांगा था कि समाजवादी पार्टी का नारा रहा है कि लाठी-गोली की सरकार नहीं चलने देंगे। हमारी सरकार यानी समाजवादी पार्टी की सरकार और समाजवादी नेता के मुख्यमंत्री रहते हुए प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज हुआ है इसलिए मुख्यमंत्री इस्तीफा दें। इस सवाल पर पार्टी टूट गई लेकिन केरल की सरकार को इस्तीफा करना पड़ा।

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