BIHAR : राजगीर जू सफारी में जानवर खुले में करेंगे विचरण और पर्यटक वाहन में बैठकर उठाएंगे आनंद

  • सीएम नीतीश ने 480 एकड़ क्षेत्र में नवनिर्मित जू सफारी का किया लोकार्पण

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ड्रीम प्रोजेक्ट राजगीर में नवनिर्मित जू सफारी का बुधवार को शिलापट्ट का अनावरण एवं फीता काटकर लोकार्पण किया। लोकार्पण के पश्चात टिकट काउंटर से पहले विजिटर के तौर पर टिकट लेकर मुख्यमंत्री ने राजगीर जू सफारी में परिचालित पर्यटक वाहन से जू सफारी का भ्रमण किया। गौरतलब है कि वन्य प्राणी सफारी 480 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है। सफारी के निर्माण में 176 करोड़ रुपये की लागत आयी है। राजगीर सफारी निर्माण में गुणवत्ता एवं उच्चस्तरीय पर्यटक सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा गया है और इस प्रकार की सफारी देश में 1-2 जगह पर ही उपलब्ध हैं।
सुविधाओं एवं गतिविधियों की ली पूरी जानकारी
मुख्यमंत्री ने जू सफारी परिसर में स्थापित भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। वन्य प्राणी सफारी प्रांगण में लगी वन्य जीवों की प्रतिमा, टिकट काउंटर, व्याख्या केंद्र एवं कंट्रोल रूम का उद्घाटन कर मुख्यमंत्री ने इसका मुआयना भी किया। मुख्यमंत्री ने टिकट काउंटर, व्याख्या केंद्र, कंट्रोल रूम आदि में पर्यटकों के लिए उपलब्ध सुविधाओं एवं गतिविधियों की पूरी जानकारी अधिकारियों से ली। कंट्रोल रूम में सीसीटीवी के जरिये जू सफारी में प्रदर्शित हो रही सभी वन्य प्राणियों एवं पर्यटकों की गतिविधियों का मुआयना करते हुये मुख्यमंत्री ने इनकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया।


पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 में राजगीर जू सफारी का शिलान्यास किया गया था। इसके बाद इसका डिजाइन बना और इसको लेकर विभाग काफी सक्रिय रहा। शिलान्यास के बाद निर्माणाधीन जू सफारी का हमें अनेक बार अंदर से देखने का मौका मिला है। उसी समय हमने कहा था कि नेचर सफारी जो यहां बन रहा है, उसके बगल में काफी वन क्षेत्र है इसलिए यहां जू सफारी भी बने। नेचर सफारी को काफी लोगों ने पसंद किया है। अब जू सफारी भी लोगों को काफी पसंद आयेगी।
पर्यटकों के लिए फोटो एवं सेल्फी प्वाइंट भी
सीएम ने कहा, खुशी की बात है कि राजगीर जू सफारी में टिकट विंडों, कंट्रोल रुम, इटरप्रेटेशन सेंटर, 180 डिग्री थियेटर, ओरिएंटेशन हॉल आदि का निर्माण पूरा हो चुका है। यहां पर्यटकों के लिए फोटो एवं सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया है। पर्यटकों की सुविधा एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी जरुरी काम किये गये हैं। बाघ, शेर, भालू, तेंदुआ और हिरण को यहां रखने का निर्णय हुआ है। हिरण यहां पहले से थे, जिन्हें हर्बीवोरस सफारी में रखा गया है। इन जानवरों के लिए पांच अलग-अलग बड़े इन्क्लोजर (बाड़े) बनाए गए हैं जिनमें पर्यटक सुरक्षित वाहनों में बैठकर जंगली जानवरों को उनके प्राकृतिक वातावरण में नजदीक से देख सकेंगे।


जानवर खुले में करेंगे विचरण
उन्होंने कहा कि जू सफारी बनाने का मकसद यह है कि यहां जानवर खुले में विचरण कर सकें और देखने वाले वाहन में बैठकर इसका आनंद लें सकें। राजगीर जू सफारी में पर्यटकों के भ्रमण के लिए 20 वाहन खरीदे गये हैं। एक वाहन में 22 पर्यटक बैठकर भ्रमण कर सकते हैं। फिलहाल राजगीर जू सफारी में 2 बाघ, 7 शेर, 2 तेंदुआ, 2 भालू एवं 200 के करीब की संख्या में हिरण हैं।
भ्रमण में डेढ़ घंटे का लगेगा समय
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर जब नेचर सफारी बनाने की बात हुई तो हमने प्रधानमंत्री से इस संबंध में बात की थी। हमने कहा कि नेचर सफारी में शेर सफारी बन रहा है। बाहर से 6 शेर लाये गये हैं। प्रधानमंत्री की बड़ी कृपा है। उन्होंने मेरी बातों को सुना। तामिलनाडू से एक बाघ मिलने की उम्मीद है। महाराष्ट्र से भी वन्य जीवों को लाने के लिए बात हो रही है। जू सफारी में पांचों प्रकार के जानवरों की सुरक्षा, भोजन, आवासन एवं चिकित्सा का पूरा प्रबंध किया गया है। हर्बीवोरस सफारी, लेपर्ड सफारी, टाइगर सफारी सहित पांचों जगहों पर इंट्री प्वाइंट बन गया है। जू सफारी के भ्रमण में करीब डेढ़ घंटे का समय लगेगा। यहां जो खाली जगह है उस पर वृक्षारोपण कराया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां जो नेचर सफारी बना है, वहां तक जाने के लिये सोन भंडार और जरासंध के अखाड़े को पार करना पड़ता है। इसको ध्यान में रखते हुए जू सफारी की बाउंड्री के बगल से नेचर सफारी तक सुगमतापूर्वक आवागमन हेतु रास्ता बनाया जायेगा। सोन भंडार और जरासंध का अखाड़ा ऐतिहासिक स्थल है, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पहुचते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां बना ग्लास स्काई वॉक भी काफी लोकप्रिय हो गया है, जो देश में कहीं नहीं है। घोड़ाकटोरा में ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिया गया है। वहां भगवान बुद्ध की प्रतिमा लगवायी गई है। घोड़ाकटोरा प्रांगण में पर्यटकों के आवागमन हेतु ई-रिक्शा का परिचालन कराया गया है। इसके लिए यहां के टमटम चालकों को नि:शुल्क ई-रिक्शा मुहैया कराया गया। पांडू पोखर का भी सौंदर्याकरण किया गया है। यहां जो पंच पहाड़ी है उसका संरक्षण किया जा रहा है एवं यहां पर पौधारोपण का कार्य भी कराया गया है।
बोधगया, गया के बाद सबसे ज्यादा पर्यटक राजगीर आते हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के बोधगया एवं गया के बाद सबसे ज्यादा पर्यटक राजगीर आते हैं। पूरे बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देने का कार्य किया गया है। कोरोना काल के पहले तक प्रतिवर्ष बिहार में करीब 2 करोड़ पर्यटक आते थे। उन्होंने कहा कि राजगीर, गया, बोधगया एवं नवादा में गंगा नदी का जल बारहों महीने घर-घर तक उपलब्ध कराने का कार्य बड़े पैमाने पर किया जा रहा है ताकि लोगों को जल संकट की स्थिति का सामना नहीं करना पड़े। नालंदा विश्वविद्यालय के लिए भी काम किया गया। बिहार में पहला अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर राजगीर में बनवाया गया, इसे भूलियेगा मत। यह काफी लोकप्रिय हो गया है। अब बोधगया में बोधि सांस्कृतिक गृह का निर्माण किया जा रहा है।


राजगीर में पांच समुदाय से जुड़े ऐतिहासिक स्थल
मुख्यमंत्री ने कहा कि बचपन से हम यहां कुंड में नहाने आते रहे हैं। राजगीर में पांच समुदाय से जुड़े ऐतिहासिक स्थल हैं। हर धर्म के लोग यहां आते हैं। यहां पंच पहाड़ी के चारों तरफ जो साइक्लोपियन वॉल है, यह दुनिया में एक ही जगह है। विश्व धरोहर की सूची में नालंदा विश्वविद्यालय के बाद इसको शामिल कराने के लिए हमलोग प्रयासरत हैं। इसको लेकर केंद्र सरकार से भी अनुरोध किया गया है।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
उन्होंने कहा कि राजगीर का काफी विकास किया गया है। मेरा मकसद है कि यहां आकर नई पीढ़ी के लोगों को एक-एक चीजों का एहसास हो। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा मिलने से राजगीर का और विकास होगा। इससे बिहार का भी उत्थान होगा एवं देश को भी फायदा होगा।
दोनों ओर बाउंड्री वाल बनाने का निर्देश
कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री ने राजगीर जू सफारी के एंट्री पॉइंट से नेचर सफारी तक सुगमतापूर्वक आवागमन हेतु प्रस्तावित रास्ते का स्थल निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने नेचर सफारी तक जाने वाले प्रस्तावित रास्ते के दोनों तरफ बाउंड्री वाल बनाने का अधिकारियों को निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बाउंड्री वॉल की ऊंचाई इस प्रकार से होनी चाहिए ताकि कोई चाहकर भी बाउंड्री वॉल पार न कर सके।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, मंत्री नीरज कुमार सिंह, सांसद कौशलेंद्र कुमार, विधायक कौशल किशोर, प्रेम कुमार (मुखिया), मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, आयुक्त पटना प्रमंडल कुमार रवि, पुलिस महानिरीक्षक पटना राकेश राठी, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, डीएम नालंदा शशांक शुभंकर, एसपी नालंदा अशोक मिश्रा, निदेशक जू सफारी हेमंत पाटिल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं वरीय अधिकारी उपस्थित थे।


वन्य प्राणी की विभिन्न प्रजातियों से मुख्यमंत्री हुए अवगत
इसके पहले व्याख्या केंद्र में मानव के विकास क्रम और वन्य जीवों के जीवन चक्र से जुड़ी प्रतिमा एवं इस संबंध में एलईडी स्क्रीन पर प्रदर्शित हो रही विशेष जानकारी के साथ-साथ वन्य प्राणी की विभिन्न प्रजातियों से मुख्यमंत्री अवगत हुए। 180 डिग्री थ्री-डी थियेटर में सीएम नीतीश के समक्ष ‘द ओसियन बॉयोस्कोप’ फिल्म प्रदर्शित की गई। वहीं जू सफारी में पर्यटकों हेतु उपलब्ध सुविधाओं, भ्रमणीय वन्य क्षेत्र, बस सफारी में भ्रमण के दौरान सुरक्षा के लिहाज से पर्यटकों द्वारा बरती जाने वाली सावधानी, वन्य प्राणी की गतिविधि पर आधारित लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई। वहीं मुख्यमंत्री ने राजगीर जू सफारी को विकसित करने में उत्कृष्ट योगदान देने वाले क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक पटना गोपाल सिंह, निदेशक राजगीर जू सफारी हेमंत पाटिल, उप निदेशक राजगीर जू सफारी अंबिका शरण सिन्हा, वन्य जीव विशेषज्ञ राजगीर जू सफारी डॉ. डीएन सिंह, पशु चिकित्सा पदाधिकारी राजगीर जू सफारी दिलीप कुमार सहित अन्य अधिकारी, कर्मचारी एवं वनरक्षियों को प्रशस्ति पत्र देकर उन्हें सम्मानित किया। जबकि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह को स्मृति चिन्ह भेंटकर स्वागत किया।

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