PATNA : राज्यपाल की मंजूरी के बाद बिहार में लागू हुआ नया कानून, अब जनता सीधे करेगी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव

पटना। बिहार में इस साल होने वाले शहरी निकाय चुनाव में नगर निगमों के मेयर और उप मेयर के साथ विभिन्न नगर निकायों के प्रमुख का चुनाव अब सीधे जनता करेगी। बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने गुरुवार को बिहार नगरपालिका संशोधन अध्यादेश 2022 को मंजूरी दे दी है। इसके बाद इसे बिहार गजट में प्रकाशित कर दिया गया है। इसके साथ ही इसी वर्ष होने वाले नगर पालिका चुनाव में यह लागू हो जाएगा। 15 साल के बाद बिहार नगरपालिका कानून में संशोधन किया गया है। इस अध्यादेश को बिहार नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश 2022 कहा जायेगा। जानकारी के अनुसार नगरपालिका कानून के दो धाराओं में संशोधन किया गया है। इसके साथ ही कुछ नई धाराएं भी जोड़ी गई हैं। धारा 23 (1) और धारा 25 को बदल दिया गया है। धारा 23 (1) में पहले पार्षद बहुमत से मेयर और डिप्टी मेयर चुनते थे। लेकिन, संशोधन के तहत राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा होने वाले चुनाव के माध्यम से मतदाता मुख्य पार्षद से लेकर मेयर तक को चुनेगे। धारा 25 में महापौर और उपमहापौर के खिलाफ एक तिहाई पार्षद को अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रावधान था लेकिन अब संशोधन के बाद यह प्रावधान खत्म हो गया है।

संशोधित कानून बिहार के सभी नगर निकायों पर लागू होगा। उपमुख्यमंत्री सह नगर विकास मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने अध्यादेश जारी किये जाने की पुष्टि की है। नगर पालिका संशोधन अध्यादेश के मुताबिक, अब मेयर और उप मेयर के साथ विभिन्न नगर निकायों के प्रमुख भी सीधे जनता से चुने जाएंगे, उनका अलग निर्वाचन होगा। अब तक जनप्रतिनिधि ही अपने मुख्य पार्षद या उप मुख्य पार्षद का चुनाव करते थे। लेकिन नए संशोधन अध्यादेश के लागू होने के बाद अब मेयर और उप मेयर का चुनाव जनता करेगी। इसी वर्ष अप्रैल-मई में बिहार में नगर निकायों के चुनाव होने वाले हैं। इस संशोधन के बाद अब किसी मेयर या उप मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी नहीं लाया जा सकेगा।

बिहार के उप मुख्यमंत्री सह नगर विकास एवं आवास मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि बिहार नगर पालिका (संशोधन) अध्यादेश 2022 महामहिम राज्यपाल के अनुमोदनोपरांत लागू हो गया है। उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि बिहार नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश के लागू हो जाने से राज्य के शहरी निकायों में नगरीय विकास एवं शहरों के विस्तार और सौंदर्यीकरण के लिए संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित होगी।

 

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