BIHAR : 16 नवंबर को शराबबंदी पर बड़ा फैसला लेंगे सीएम नीतीश, कहा- विपक्ष केवल बयान देती है, पकड़वाती क्यों नहीं?
पटना। जनता दरबार कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत की। कहा 16 नवंबर को हम इसकी विस्तृत समीक्षा करेंगे कि कितना कम्पलेन आया, कितने पर एक्शन हुआ, क्या नतीजा निकला? इन सब चीजों की जानकारी लेंगे।
शराब पीने से हुई मौत मामले पर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम हर बार बोलते रहते हैं कि ये खतरनाक चीज है। लोग बाहर गैरकानूनी ढंग से ये सब काम करते हैं तो देख रहे हैं कि कितने लोगों का डेथ हो गया। पहले भी ऐसा हुआ है इसलिये बार-बार कहते हैं कि गलत चीज लीजियेगा तो नुकसान होगा ही। उन्होंने कहा कि इस संबंध में हमलोगों ने एक मीटिंग कर ली है और 16 नवंबर को हमारी हर जिले के साथ मीटिंग है। बैठक में पूरे तौर पर हम उसकी समीक्षा करेंगे। सभी को कह दिया है कि एक-एक चीज को देख लीजियेगा कि कहां पर ये सब इंसीडेंट हो रहा है। हमने ये बात डीजीपी सहित संबंधित अधिकारियों को कह दिया है कि एक-एक चीज पर नजर रखिए। एक-एक चीज पर गौर कीजिए और देखने के बाद जो जरूरी कदम हो वो उठाइये। जो इसके लिये जिम्मेवार हैं, उस पर कार्रवाई कीजिए। अगर कोई ससमय कार्रवाई नहीं कर रहा है, तो उस पर भी एक्शन लेना है। जितनी तेजी से जो कार्रवाई होनी चाहिये, वो होगी ही उसके साथ-साथ अवेयरनेस बहुत जरूरी है। हमलोग इसके लिये शुरू में कितना अवेयरनेस लाये लोग इसके लिये कितना सहमत रहे, आज भी सहमत हैं। कुछ गड़बड़ी करने वाले लोग हैं तो ऐसी स्थिति में फिर से नये सिरे से दूसरी बार हमलोग अवेयरनेस के लिये काम करेंगे। हमने पिछली बार समीक्षा की थी और फिर 16 तारीख को करेंगे। इस पर जितना उचित कार्रवाई करने की जरुरत है वो जरूर करेंगे। हम सबके हित में काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2016 में शराब पीने से होने वाली हानि को लेकर वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने दुनिया भर का सर्वे कराकर रिपोर्ट प्रकाशित किया। उसके बाद भी लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि शराब कितनी बुरी चीज है। उन्होंने कहा कि आज कल बड़ा दुख होता है कि लोग तरह-तरह का बयान देते हैं। केवल बयान क्यों देते हैं, आप खुद क्यों नहीं पकड़वाते हैं? कहीं पर कुछ हो रहा है तो उसके बारे में जानकारी दीजिये। सब लोगों को अवेयरनेस करना चाहिये। अखबार में कुछ लोग बयान दे देते हैं कि हमने मुख्यमंत्री को लिख दिया है। क्या लिख दिये हैं मुख्यमंत्री को? इतना सब कुछ होने के बाद अगर ज्ञान की प्राप्ति नहीं हुई तो ये अपनी समझ होनी चाहिये। जो विपक्ष में हैं वो सिर्फ स्टेमेंट देने में लगे हुए हैं। सब लोगों को इसपर मिलकर काम करना है। यह मेरा निजी चीज नहीं है, यह सार्वजनिक चीज है, इसमें सभी का हित है। हमलोग इस पर अभियान चलायेंगे। सभी लोगों से विनम्रतापूर्वक आग्रह है कि जहां कहीं भी इस संबंध में गड़बड़ करने वालों की जानकारी मिलती है उसकी सूचना दें। उसके लिये कमिटी बनी हुई है।
शराबबंदी कानून के भय नहीं होने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी चीजों की हम 16 नवंबर को समीक्षा करेंगे। मंत्रीगण और अधिकारी रहेंगे, एक-एक चीज की जानकारी लेंगे और उसके आधार पर कार्रवाई करेंगे। कुछ लोग शराबबंदी के कारण रेवेन्यू लॉस की बात कहते हैं लेकिन हमने शुरू में ही कह दिया था कि एक साल में लगभग 5 हजार करोड़ रुपये का लॉस हुआ, उसके अगले साल मात्र 12-13 सौ करोड़ रुपए का लॉस हुआ था और उसके साल यह लॉस भी खत्म हो गया। शराब के सेवन में कई लोग जो फालतू खर्च कर रहे थे, अब वे परिवार की भलाई में खर्च कर रहे हैं। शराबबंदी के बाद परिवार में मारपीट की घटना नहीं होती है। अधिकांश लोग शराबबंदी को स्वीकार किये हैं। शराबबंदी को लेकर फिर से अभियान चलायेंगे ताकि उसके प्रति लोगों में अवेयरनेस आये।
राजगीर और पटना की दूरी घटकर 80 किमी रह जायेगी
नालंदा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में आने वाले राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विजिटरों की सुविधा से संबंधित प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नालंदा यूनिर्सिटी इंटरनेशल है, यहां लोग बाहर से आयेंगे उन्हें किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो, इन सब चीजों का ख्याल रखा गया है। बगल में पावपुरी में काफी बेहतर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल बनाया गया है। गया, बोधगया और पटना से आने वाले लोगों के लिये बेहतर सड़क का निर्माण किया जा रहा है। यूनिवर्सिटी के अलावा स्पोर्ट्स एकेडमी एवं अन्य संस्थाओं में भी गंगाजल को शुद्ध पेयजल के रूप में उपलब्ध कराया जायेगा। बोधगया, राजगीर, नालंदा सभी ऐतिहासिक जगह है। सबका आपस में रिश्ता है। कोशिश है कि बाहर से आने जाने वाले लोगों को इन जगहों पर जाने में कम से कम समय लगे। एक और सड़क बनाई जा रही है, जिससे राजगीर और पटना की दूरी घटकर 80 किलोमीटर रह जायेगी। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी बनने के बाद जो हमारे पास 70 एकड़ जमीन है, वह भी उसे उपलब्ध करा देंगे ताकि यूनिवर्सिटी अपने अनुसार उसका उपयोग कर सके और इससे उसे लाभ मिले। मुझे उम्मीद है कि कुछ ही महीने में वहां बिल्डिंग बनकर तैयार हो जायेगा। केंद्र के द्वारा टीचर का रिक्रूटमेंट भी तय हो चुका है। उन्होंने कहा कि हमलोग वहां के वाइस चांसलर के साथ बैठकर विचार विमर्श करेंगे कि राज्य सरकार की तरफ से और क्या करने की जरूरत है ताकि युनिवर्सिटी जल्द से जल्द फंक्सनल हो सके।


