आयुष्मान योजना के तीन साल : बोले स्वास्थ्य मंत्री- बिहार में तीन लाख लोगों का किया गया इलाज, 300 करोड़ हुए खर्च

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पटना। गुरुवार को केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तीन वर्ष पूरे होने पर ज्ञान भवन में आयोजित आयुष्मान दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना लोगों को नया जीवन दे रही है। अस्पताल में हाथ में लिया हुआ गोल्डन कार्ड लाभार्थियों की ताकत होती है। तीन साल में बिहार में इस योजना के तहत तीन लाख लोगों का इलाज किया गया और इस पर लगभग तीन सौ करोड़ खर्च किये गये। 30 फीसदी परिवारों के बीच गोल्डन कार्ड उपलब्ध कराया गया है। पूरे राज्य में इस योजना के तहत 940 सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल सूचीबद्ध हैं। पूरे देश में 28 हजार अस्पताल सूचीबद्ध हैं, जहां आयुष्मान भारत के लाभार्थी अपना इलाज करा सकते हैं।
मंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत का तीन वर्षों का सफर काफी चुनौती भरा रहा है। आगे आने वाले समय में इसे और गति देते हुए सुलभ और बेहतर बनायेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सोच है कि बीमारी के कारण लोगों को ऋण लेना नहीं पड़े। इसलिए उन्होंने गरीबों की पीड़ा को देखते हुए इस योजना के तहत पांच लाख तक नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था की।
इसके पूर्व स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव कौशल किशोर ने आयुष्मान भारत से हो रहे लाभ और इसकी सफलता पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम का आयोजन राज्य स्वास्थ्य सुरक्षा समिति द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के तहत किया गया था। कार्यक्रम का थीम रोग मुक्त, ऋण मुक्त बिहार था। इस अवसर पर दो लाभार्थियों ने अपने इलाज के अनुभव साझा किये। वहीं इस योजना में बेहतर काम करने वाले सरकारी और गैर सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों को सम्मानित भी किया गया। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने समीक्षा मोबाइल एप का शुभारंभ किया। मौके पर स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव अरविंदर सिंह, संयुक्त सचिव राम ईश्वर, निदेशक प्रमुख नवीन प्रसाद, आयुष्मान भारत के प्रशासी पदाधिकारी अमिताभ सिंह एवं स्वास्थ्य मंत्री के आप्त सचिव शशांक शेखर सिन्हा भी मौजूद थे।

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