भाजपा एमएलसी ने उठाया सवाल : शिक्षा का बजट 38,000 करोड़ से अधिक, लेकिन बिहार बोर्ड से उत्तीर्ण 38% छात्रों का नामांकन प्रीमियम कॉलेजों में नहीं हो पाना चिंताजनक

पटना। भाजपा के विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने पटना विश्वविद्यालय में छात्रों का एडमिशन नहीं होने पर नीतीश सरकार को घेरा है। कहा कि बिहार बोर्ड से इंटरमीडियट की परीक्षा पास करनेवाले छात्रों का एडमिशन पटना विश्वविद्यालय में नहीं हो पा रहा है। इस साल बिहार बोर्ड से पास हुए सिर्फ 20 फीसदी छात्रों का ही एडमिशन प्रीमियम कॉलेजों में हो पाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस संबंध में एक पत्र भी लिखा है। बता दें बिहार में शिक्षा विभाग जदयू के पास हैं और इसके मंत्री विजय चौधरी हैं। इससे पहले भी लगातार यह विभाग जदयू के पास ही रहा है।
गुरूवार को पत्रकार वार्ता में बिहार के विश्वविद्यालयों के फैसले पर सवाल उठाते हुए श्री यादव ने पत्र में लिखा है, ‘इस साल पटना विश्वविद्यालय में कोरोना के कारण इंटरमीडिएट में मिले अंकों के आधार पर ही नामांकन हो रहा है। इससे नुकसान बिहार बोर्ड से पास छात्रों को उठाना पड़ रहा है, क्योंकि सीबीएसई और आईसीएसई में छात्रों के अंक बिहार बोर्ड की तुलना में अधिक आते हैं। इससे पहले 2012 से 2020 तक प्रवेश परीक्षा के आधार पर पटना यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया जा रहा था।’ भाजपा एमएलसी के अनुसार, प्रवेश परीक्षा होने से कम नंबर के बावजूद बिहार बोर्ड के छात्र अच्छा परफॉर्म करते थे। पीयू की 60 फीसदी सीटों पर उनका नामांकन होता था। श्री यादव ने इन स्थितियों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसमें सीएम नीतीश से पहल करने की मांग की है।
शिक्षा से जुड़े हालात पर निशान साधा
यहीं नहीं, उन्होंने बिहार में शिक्षा से जुड़े हालात पर भी निशान साधा। उन्होंने कहा कि ‘राज्य में शिक्षा का बजट 38,000 करोड़ रुपए से भी अधिक है, लेकिन राज्य के बोर्ड से उत्तीर्ण 38% छात्रों का भी नामांकन प्रीमियम कॉलेजों में नहीं हो पाना चिंताजनक स्थिति है।’ सबसे खास बात यह है कि भाजपा को मिले सभी विभागों का कुल बजट भी अकेले शिक्षा विभाग से कम है।
