November 26, 2025

पटना में गंगा ने उड़ायी प्रशासन की नींद : नकटा दियारा का डीएम ने किया मुआयना, खतरे को लेकर अधिकारी अलर्ट मोड पर

पटना। पटना में तेजी से बढ़ रही गंगा नदी ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है। बाढ़ के पानी से घिरा नकटा दियारा पंचायत पटना सदर अंचल अंतर्गत 14 वार्ड एवं 9384 वोटर का पंचायत है। यहां गंगा का पानी कहर बन गया है। खतरे को लेकर अधिकारी अलर्ट मोड पर है। पटना के सभी प्रभावित वार्ड में एक-एक नाव की व्यवस्था की गई है। रविवार को डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह भी मौके पर पहुंच सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अफसरों को निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया है। वहीं बाढ़ प्रभावित इलाकों में दहशत का माहौल है। फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
डीएम ने किया मुआयना
रविवार को डीएम ने इनफ्लैटेबल मोटरबोट से पटना सदर अंचल के बाढ़ प्रभावित नकटा दियारा एवं बिंदटोली का मुआयाना किया। इस दौरान प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उनका हाल-चाल जाना। नकटा दियारा पंचायत के वार्ड नंबर 11 में लोगों से समस्या जानी। बच्चों की पढ़ाई लिखाई, आर्थिक आय का साधन, पशुओं का रखरखाव, खेती बारी से लेकर अन्य जानकारी ली।
मांग पर प्रत्येक वार्ड में एक-एक नाव
नकटा दियारा में बाढ़ के कारण लोग परेशान हैं। डीएम ने लोगों की मांग पर आवागमन की सुविधा तथा दैनिक आवश्यकता की पूर्ति करने के लिए प्रत्येक वार्ड के लिए एक-एक नाव की व्यवस्था जल्द कराने का निर्देश दिया है। अनुमंडल पदाधिकारी पटना सदर को निगरानी का निर्देश दिया गया है।
बाढ़ से लाखों की फसल डूबी
वहीं नकटा दियारा पंचायत में बाढ़ के पानी से लाखों की फसल डूब गई है। दियारा क्षेत्र मे प्राय: लोग सब्जी एवं मोटे अनाज की खेती करते हैं। प्रशासन लोगों की समस्या को देखते हुए फसल की क्षति का आकलन करने का काम तेज कर दिया गया है। आपदा अनुदान की प्रति परिवार देय राशि की सूची तैयार की जा रही है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों के लिए देय आपदा अनुदान की राशि के वितरण के लिए भी सूची तैयार की जा रही है। लोगों को आपदा अनुदान के तहत प्रति परिवार 6000 रुपए दिए जाने हैं। इसकी पूरी तैयारी चल रही है, जिसमें कई टीम काम कर रही है।
गंगा की पल-पल ली जा रही अपडेट
गंगा का जल स्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो खतरा भी बढ़ जाएगा। प्रशासनिक अधिकारियों की टीम लगातार गंगा का अपडेट ले रही है। यहां प्रभावित लोगों से पूरी जानकारी ली जा रही है। समस्या का समाधान करने तथा उनका हालचाल जानने के लिए अनुमंडल पदाधिकारी और अंचलाधिकारी के साथ स्थानीय स्तर पर अधिकारियों को अलर्ट मोड पर लगाया गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में रहकर गंगा के बहाव में तेजी का भी आकलन टीम कर रही है।

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