दस कदम कालाजार खत्म : डीएम ने 151 कालाजार प्रभावित गांवों में दवा छिड़काव को लेकर 54 दलों को किया रवाना
सीतामढ़ी। दस कदम, कालाजार खत्म अभियान के तहत जिलाधिकारी अभिलाषा कुमारी शर्मा ने 151 कालाजार प्रभावित गांवों में दवा छिड़काव को लेकर 54 दलों को रवाना किया। बिहार के सीतामढ़ी जिले में कालाजार नियंत्रण-2021 के प्रथम चक्र टीम को डीएम ने जिला भीबीडी कार्यालय से जिले के 151 कालाजार प्रभावित गांव में कालाजार नियंत्रण बालू मक्खी के नाश के लिए छिड़काव हेतु 54 दलों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उक्त अवसर पर जिलाधिकारी ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया। जिलाधिकारी ने कार्यक्रम के दौरान “सीतामढ़ी ने ठाना है, कालाजार मिटाना है” बने स्लोगन बैलून के गुब्बारों को आसमान में छोड़ा। ऊक्त अवसर पर डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने बताया कि जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी तथा सभी कर्मियों की प्रशंसा करते हुए बताया कि उनके अथक परिश्रम के बदौलत जिला ने कालाजार उन्मूलन के लक्ष्य को 2018 में ही प्राप्त कर लिया है और 2020 में जिले में मात्र 61 कालाजार के मरीज प्रतिवेदित हुए हैं। उन्होंने आगे इसी उत्साह के साथ कार्य करते हुए कालाजार मरीजों की संख्या शून्य करने की अपील की, साथ ही जिलेवासियों से अपील की वे अपने घरों में छिड़काव दल का सहयोग करें। इस अवसर पर छिड़काव कर्मियों से जिलाधिकारी ने अपील की कि छिड़काव के दौरान कोविड-19 के नियमों का पालन अवश्य करें एवं सभी घरों में 15 दिनों से अधिक बुखार वाले मरीज को भी खोजें और आने वाले गर्मी के मौसम में मस्तिष्क ज्वर से बचाव हेतु दिए गए पंपलेट से बचाव सबंधित जानकारी भी दें।


ऊक्त अवसर पर सिविल सर्जन ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, स्वास्थ्य प्रबंधक तथा प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक को निर्देशित किया कि वे छिड़काव का सघन पर्यवेक्षण करेंगे एवं संध्या कालीन में दैनिक प्रतिवेदन जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी को भेजेंगे।
जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. रवींद्र कुमार यादव ने इस दौरान कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा से अवगत कराते हुए बताया कि इस वर्ष 151 कालाजार प्रभावित गांवों के 1,94,951 घरों में कुल 54 दलों द्वारा 66 कार्यदिवस में छिड़काव का कार्य पूरा किया जाएगा। इस वक्त घर के सभी दीवारों पर पूर्ण छिड़काव किया जाएगा।
उप विकास आयुक्त तरनजोत सिंह ने बताया कि कार्यक्रम की सफलता हेतु पर्वेक्षण एवं अनुश्रवण जरूरी है। इसके लिए सभी प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी ध्यान देंगे, साथ ही सभी सीडीपीओ आंगनबाड़ी सेविका अपने स्तर से प्रचार-प्रसार करेंगे।

