December 5, 2025

कैट शो : बिल्ली पालने वाले लोगों में कार्डियो-वैस्कुलर डिजीज का रिस्क 30-40% तक हो सकता है कम

फुलवारी शरीफ। बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अंगीभूत बिहार पशुचिकित्सा महाविद्यालय में कैट शो का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रामेश्वर सिंह और अतिथि के तौर पर उषा सिंह मौजूद थे। कैट शो में विभिन्न प्रजातियों के बिल्ली देखने को मिले जिनमें पर्सियन, इंडियन, सीमेस, बर्मेस और मंग्नोलियन शामिल थी।


कार्यक्रम के शुरूआत में बिहार वेटरनरी कॉलेज के डीन डॉ. जेके प्रसाद ने लोगों का स्वागत किया और कहा कि कैट्स रखना बहुत फायदेमंद है। एक शोध के अनुसार, बिल्ली पालने वाले लोगों में कार्डियो-वैस्कुलर डिजीज का रिस्क 30-40% तक कम हो सकता है। पिछले साल यह आयोजन एक प्रयोग के तौर पर किया गया था, मगर इसकी सफलता और लोगों की भागीदारी को देखते हुए यह आयोजन हर साल किया जायेगा। इस आयोजन से कैट लवर्स को एक प्लेटफॉर्म देने का प्रयास किया गया हैं।
कुलपति डॉ. रामेश्वर सिंह ने कहा कि कैट के मैनेजमेंट और हेल्थ केयर पर बहुत ही कम जानकारियां व लिटरेचर आनलाइन या आफलाइन उपलब्ध है और कैट लवर्स की तादाद दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रही है, जिसे देखते हुए एक हैंड बुक बनाने की जरुरत थी, जिससे कैट के मैनेजमेंट और हेल्थ केयर को समझा जा सके। इस दिशा में काम करते हुए महाविद्यालय के एक्सपर्ट और देश के अन्य प्रख्यात कैट एक्सपर्ट द्वारा लिखित एक किताब “कैट केयर एंड मैनेजमेंट” का विमोचन भी किया गया, जो कैट के केयर और प्रबंधन में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने आगे कहा कि बिल्लियां ही एक ऐसी कार्निवोरस एनिमल है, जिसे हम पालते हैं, जो बहुत समझदार और प्यारा पशु है। बिल्ली पालने का एक मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी पड़ता है।


कैट शो के निर्णायक मंडली में गड्वासु लुधियाना के एक्सपर्ट डॉ. धीरज कुमार गुप्ता, शेर-ए-कश्मीर पशुचिकित्सा विश्वविद्यालय, कश्मीर से डॉ. नूरे आलम तूफानी और बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय के सेवानिवृत्त सर्जन डॉ. एसपी शर्मा मौजूद थे। मौके पर सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र और कप देकर सम्मानित किया गया, साथ ही ओवरआल चैंपियन को विरबेक एनिमल हेल्थ की ओर से गिफ्ट हैंपर दिया गया। इस अवसर विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारी, शिक्षक व विद्यार्थी उपस्थित थे।

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